मिर्च को बीज से कैसे उगाए
मिर्च सब्जी को स्वादिष्ट एवं चटपटा बनाने का कार्य करती है यह भारत के सभी क्षेत्रों में उगाई जाने वाली फसल है इसका हमारे खानापान में बहुत बड़ा योगदान है।आप मिर्च को घर पर भी उगा सकते हैं। गमले या घर पर बेकार पड़े मटके, बाल्टी, टूटे हुए टब आदि में घर पर मिर्च उगाई जा सकती है।आज हम आपको मिर्च का बीज उगाने की पूरी जानकारी दे रहे है। अगर आपको यह जानकारी पसंद आये तो इसे दूसरे लोगों के साथ शेयर जरूर करें ।
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मिर्च के लिये आवश्यक जलवायु
मिर्च गर्म तथा आर्द्र जलवायु की फसल है यह पाले को सहन नहीं कर पाती है इसके लिए 20 से 25 सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए।अगर आप इसे घर के बगीचे में मिर्च उगाने चाहते है तो छत पर खुली जगह होनी चाहिये।
मिट्टी---
मिर्च हर तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है अधिक उपज के लिए हल्की उपजाऊ एवं अच्छे जल निकास वाली जमीन इसके लिए अच्छी होती है मिर्च की अच्छी पैदावार के लिए जमीन में नमी का होना बहुत आवश्यक है। अगर आपके यहां बलुई दोमट मिट्टी है तो यह मिर्च उगाने के लिये सर्वोत्तम है।
मिर्च को बीज से उगाने की विधि----
सबसे पहले खेत में बनी क्यारियों में बीज बोने से पहले क्यारियों में लगभग 5 से 6 किलोग्राम गोबर की खाद और पोटाश मिलाकर अच्छी तरह मिट्टी में मिला देते हैं। इसके बाद बीज को क्यारियों में आवश्यकतानुसार डालकर हाथों से मिलाते हैं। और क्यारियों को समतल करके हल्की सिंचाई कर देते हैं लगभग 10 से 15 दिन के बाद जब बीज अंकुरण होने लगे तब इनका कीटों से विशेष ध्यान रखना चाहिए। और इनके आसपास उग रहे खरपतवार को उखाड़ कर फेंक देना चाहिए।
मिर्च का बीज उगाने का सही समय -
गर्मी के सीजन की मिर्च - फरवरी माह में बीज उगाने (मार्च में रोपड़)
सर्दी के सीजन की मिर्च - जून का आखिरी सप्ताह से जुलाई के मध्य सप्ताह तक। ( अगस्त -सितम्बर तक रोपड़)
गमले में भी उगा सकते है मिर्च का बीज
अगर आप मिर्च का बीज घर पर उगाने चाहते है। तो इसके लिए आपको एक चौड़ा गमला लेना होगा। सबसे पहले हम मिट्टी की तैयारी करेंगे।बीज का ज्यादा अंकुरण लेने के लिये हम अपने बगीचे की साधारण मिट्टी 60%, गोबर खाद 20% और रेतीली मिट्टी 10 % लेकर सभी को आपस में मिलाकर मिट्टी को तैयार कर लेगें। इसके बाद इस मिट्टी को गमले में भरकर मिट्टी की ऊपरी सतह एक समान कर देंगे। फिर इसके ऊपर मिर्च का बीज बिखेर देगें। ऊपर से मिट्टी की पतली लेकर से बीजों को ढक देगें। पहली बार में खूब पानी देगें। अब इस गमले को ऐसी जगह लेगें जहां हल्की फुल्की धूप आती हो। गमले में हर दिन हल्की सिंचाई करते रहेंग जिससे मिट्टी मे हल्की नमी बनी रहे और सभी बीज आसानी से अंकुरित हो जाये।
कैसा बीज उपयोग में लें ?
अगर आप वास्तव में अच्छी मिर्च उगाना चाहते हैं। तो आप संकर प्रजाति ( hybreed) के बीजों का चयन करें। अगर देसी मिर्च उगाने हैं तब भी आप बाजार से अच्छी कंपनी का देसी मिर्च का बीज खरीद कर लाये और उसे ग्रो करें । बाजार की मसाले वाली सूखी मिर्च या घर पर सब्जी के लिये लाई गयी ताजा मिर्च का बीज उगाने की कोशिश ना करें । क्योंकि बाजार में या घर पर जो मिर्च आती है वह हाइब्रिड बीजों से तैयार मिर्च होती है। हाइब्रिड फलों से तैयार बीज उगाने पर उनसे अच्छे पौधे तैयार नहीं होते।अगर पौधे तैयार हो भी गए तो इन पर अच्छी मिर्च नहीं आएंगी ।क्योंकि यह देसी पौधे नहीं है। यह संकर प्रजाति के फलों से तैयार बेकार किस्म के पौधे हो जाते हैं। इसलिए या तो खुद देसी प्रजाति के मिर्च उगाकर उनके बीज तैयार करें या फिर बाजार जाकर संकर प्रजाति के सही किस्म के बीज या देसी मिर्च के असली किस्म के बीज लेकर ही घर पर उगाये और उसके बाद उन बीजों से तैयार पौधो का गमलों में रोपड़ करें।
मिर्च का अच्छा बीज कहां से खरीदें ?
मिर्च के पौधे से अच्छी पैदावार लेने के लिए आपको हमेशा अच्छी कंपनी का बीज ही लगाना चाहिए। अपने पास के बाजार में खाद बीज की दुकान पर जाकर अच्छी क्वालिटी का बीज खरीदें। अगर वहां बीज ना मिले तो आप ऑनलाइन बाजार से अच्छी कंपनी का बीज खरीद कर उगा सकते हैं।
नोट - ऑनलाइन बीज खरीद करते समय सेलर reviw जरूर देखें।
सावधानियां-
■ हमेशा अच्छी किस्म का बीज ही उगायें। जिससे कम समय पर आपको अच्छी मिर्च मिल सकें।
■ मिट्टी में बीज लगाने के 24-48 घन्टे बाद गमले को कुछ समय सुबह शाम की धूप मे भी रखें जिससे सभी बीज आसानी से अंकुरित हो जाये। और उनसे तैयार पौधे भी स्वस्थ और मजबूत हो। क्योकि धूप की कमी होने पर पौधे लेगी हो जाते है या बीज से अंकुरित होने के बाद पौधे सड़कर मर जाते हैं।
■ बीज लगाते समय बीजों को फंगीसाइड और किसी साधारण कीटनाशक से संशोधित कर लें ।जिससे बीजों में फंस ना लगे। या बीजों को कोईई कीड़ा ना खाये।
■ 10-15 दिन के पौधे होने पर मिर्च को दूसरी जगह गमले या जमीन पर लगाया जा सकता है।
मिर्च के लिये गमले का साइज -
मिर्च एक सीजनल पौधा है। अगर आप मिर्च से अच्छी पैदावार लेना चाहते है तो हर सीजन आप मिर्च का नया पौधा ही लगायें। अगर आप गमले में मिर्च उगाना चाहते हैं तो 8" से लेकर 12" का गमला मिर्च का एक पौधा लगाने के लिये काफी है। छत पर मिर्च उगाने के लिये आप ग्रो बैग का उपयोग करे जो वजन में काफी हल्के होते हैं। टूटी बाल्टी, पुराने मटके,टब ,बोतल आदि का उपयोग भी आप मिर्च उगाने के लिये कर सकते है।
मिर्च के पौध की रोपाई
खेत में रोपाई पंक्तियों में की जाती है इन पंक्तियों की दूरी 40 से 45 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 30 से 35 सेंटीमीटर रखी जाती है। चौपाई के बाद तुरंत सिंचाई कर दें खेत में जल निकास का उचित प्रबंध होना चाहिए।
गमले में मिर्च की रोपाई -
मिर्च के पौधों को गमले में लगाने के लिए ज्यादा बड़े गमलों की आवश्यकता नहीं होती है।अगर आप सिर्फ एक पौधा ही लगाना चाह रहे हैं तो 8 से 12 इंच का गमला मिर्च के पौधे उगाने के लिए काफी है। गमले में मिर्च का एक ही पौधा लगाएं जिससे उसे सही मात्रा में पोषक तत्व मिलते रहें और उस पर अच्छी मात्रा में मिर्च आ सकें।
मिर्च के लिए आवश्यक सिंचाई
खेत में आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें। गर्मी के मौसम में 8 से 10 दिनों की अंतर पर तथा सर्दी में 12 से 15 दिनों के अंतर पर सिंचाई करते रहे। और बरसात के दिनों में आवश्यकता पड़ने पर ही सिंचाई करें।
मिर्च पर कीट तथा रोग नियंत्रण-
मिर्च के पौधों पर अनेक रोग तथा कीट लग जाते हैं जिससे फसल की पैदावार बहुत कम हो जाती है। इन कीट तथा रोगों को नियंत्रण करने के लिए आप जैविक (घरेलू) कीटनाशक का उपयोग करें। अगर फिर भी रोकथाम ना हो सकते तब ही रासायनिक दवाओं का प्रयोग करना चाहिए वह भी सीमित मात्रा में।
लाल माइट--'- यह एक छोटा सा कीट है जो पत्तियों का रस चूसता है तथा उन्हें कमजोर बना देता है इससे पत्तियां पीली पढ़कर नीचे गिर जाती हैं।
नियंत्रण--
■ नीम की पत्तियों का ताजा रस 100मिली एक लीटर पानी में मिलाकर उसमें एक नीबू का रस मिलायें फिर सप्ताह मे दो बार इस घरेलू दवा का छिड़काव करें।
■ इस कीट के नियंत्रण के लिए साइपरमेथरिन दवा का छिड़काव करें।
फल छेदक कीट--
यह मिर्च का सबसे जहां रोग हैं। यह बहुत ज्यादा नुकसान करता है। इस कीट के लारवा फल पत्तियां तथा कलियों को खाते हैं जिससे पौधे सूख कर नष्ट हो जाते हैं।
नियंत्रण--
नीम की 2 किलो ताजा पत्तियां,कनेर की 2 किलो पत्तियां, धतूरे,आकार दोनो की 2-2 किलो पत्तियां ,1किलो हरी तीखी मिर्च, सभी को कुछ पीस कर चटनी बना ले फिर इसको पांच लीटर गाय के गौमूत्र मे मिलाकर किसी मिट्टी या प्लास्टिक के बर्तन में 15 दिन के लिये रख दें। 15 दिन बाद इस कीटनाशक को घोलकर 50% कीटनाशक, 50% पानी मिक्स करके छिड़काव करें।
■ इस कीट के नियंत्रण के लिए इन्डोसल्केफान 0.2% घोल का छिड़काव करना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर 10 से 15 दिन के अंतर पर दूसरा छिड़काव करें छिड़काव के 5 से 7 दिन बाद ही फलियों की तोड़ाई आरंभ कर दें ।
कटुआ कीट----
इस कीट का प्रकोप छोटे पौधों पर अधिक होता है। यह कीट मिर्च के पौधों को जमीन से काट देता है। जिसके कारण उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
नियंत्रण---- इस कीट के नियंत्रण के लिए फूल आने से पहले 5% हेप्टएक्लोर को 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में मिला दें।
मोजेक विषाणु--
इस रोग के कारण पत्तियों पर गहरे व हल्के रंग के धब्बे बन जाते हैं। इस रोग को फैलाने में रस चूसने वाले कीट सहायक होते हैं।
नियंत्रण---- रोग ग्रसित पौधों को उखाड़कर जला दें।
रोग रोधी किस्मों को उगाएं।
रोग वाहक कीड़ों को नष्ट करने के लिए 0.1 प्रतिशत मेटासिस्टाक्स घोल का छिड़काव करें। खेत और पौधशाला की भूमि से रोगी फसलों के अवशेषों को एकत्र करके जला देना चाहिए।
मिर्च को बीज से कैसे उगाए
Reviewed by homegardennet.com
on
जून 17, 2020
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