तुलसी उगाने की पूरी जानकारी

                     
तुलसी उगाने की पूरी जानकारी

तुलसी उगाने की पूरी जानकारी

तुलसी आध्यात्मिक रूप से जितना पवित्र पौधा है उससे कहीं ज्यादा यह औषधीय रूप से हमारे लिए फायदेमंद है। भारतीय परिवेश में तुलसी एक बहुत बड़ा स्थान रखती है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में हरी भरी तुलसी लगी होती है। उस घर में धन संपदा और खुशियां भरी रहती है। आज हम घर पर तुलसी लगाने की पूरी जानकारी देने वाले हैं कि आप घर पर हरी-भरी तुलसी कैसे लगा सकते हैं।

तुलसी लगाने का सही मौसम -
तुलसी को सामान्यता बीजों से उगाया जाता है तुलसी उगाने के लिए गर्मी और बरसात का मौसम सर्वोत्तम होता है उत्तर भारत की बात की जाए तो सर्दियों के बाद अप्रैल से जुलाई का महीना तुलसी को बीज से उगाने और गमले में लगाने के लिए सबसे सही समय होता है।

कौन सी तुलसी लगाएं
तुलसी की बहुत सारी प्रजातियां होती हैं जिनमें से रामा तुलसी, श्यामा तुलसी, वन तुलसी, कपूर तुलसी, थाई बांसिल जैसी कुछ प्रमुख वैरायटी हैं। आध्यात्मिक रूप से तुलसी की दो प्रजातियां सबसे ज्यादा लगाई जाती हैं रामा तुलसी और श्यामा तुलसी। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु को तुलसी दल बहुत ही ज्यादा प्रिय है। और इसी वजह से श्यामा तुलसी को उनके( भगवान) लिए लगाना ज्यादा शुभ माना जाता है।

तुलसी को किस दिन लगाएं
सनातन धर्म और वास्तु शास्त्र के हिसाब से माना जाए तो तुलसी का पौधा घर में गुरुवार के दिन लगाना सबसे ज्यादा शुभ और फायदेमंद होता है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु जी का दिन होता है। तुलसी जी भगवान को बहुत ज्यादा प्रिय है इसलिए तुलसी को गुरुवार के दिन लगाया जाना सर्वोत्तम है।

घर में तुलसी जी के कितने पौधे हो सकते हैं।
वास्तु के हिसाब से घर में तुलसी जी के पौधों की संख्या विषम संख्या में होनी चाहिए जैसे 1,3,5,7 आदि






तुलसी जी का पौधा कहां लगाएं।
तुलसी जी का पौधा आध्यात्मिक रूप से बहुत ही पावरफुल पौधा है। वास्तु के हिसाब से तुलसी का पौधा घर के आंगन के बीच में या घर की पूर्वोत्तर या उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। तुलसी जी का पौधा खिड़की या बालकनी के उत्तर दिशा में भी लगा सकते हैं। पुराने समय में तुलसी को घर के आंगन के बीच में लगाया जाता था जिससे उस पर धूप हवा सब कुछ सही मात्रा में रह सके।

तुलसी जी को लगाने के लिए मिट्टी की तैयारी
अगर आप चाहते हैं कि पूरी साल आपके तुलसी हरी-भरी और घनी बनी रहे तो इसे गमले में लगाते समय पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी में लगाना चाहिए। इसके लिए जो भी मिट्टी तैयार करें उसमें बढ़िया खाद जरूर मिलाएं जिससे लंबे समय तक आपको तुलसी में खाद देने की आवश्यकता ना पड़े।
गार्डन की मिट्टी - 50% 
खाद - 50%
तुलसी जी के लिए मिट्टी बनाते समय अपने आसपास के खेत या बगीचे से अच्छी उरवर्क मिट्टी लेनी है। 50% मिट्टी में आपको 50% ही कंपोस्ट खाद या गोबर खाद मिक्स कर लेना है। जितने बढ़िया मिट्टी आप तैयार करेंगे उतना ही अच्छा पौधा आपके यहां तैयार होगा।

∆ तुलसी जी को गमले में लगाने के लिए तीन-चार इंच के पौधे का प्रयोग करना चाहिए शाम के समय एक मजबूत सा तुलसी का पौधा गमले में रोप सकते हैं।
∆ गमले में तुलसी लगाने के तीन-चार दिन तक इसे छाया में रखें उसके बाद धीरे-धीरे धूप में रख सकते हैं।
∆ तुलसी जी को मौसम के अनुसार पानी देना चाहिए अगर लगातार बारिश हो रही है तो गमले में से पानी निकाल भी दें।





"तुलसी जी एक पवित्र पौधा है और ऐसी धारणा है कि तुलसी को जमीन पर रा लगाकर गमले में या जमीन से ऊंचे स्थान पर लगाना चाहिए "

गमले का साइज -
आध्यात्मिक रूप से तुलसी जी को चौकोर गमले में लगाना सही माना जाता है। अगर आपके पास चौकोर गमला या जगह नहीं है। तो फिर गोल गमला प्रयोग कर सकते हैं तुलसी जी को 12 इंच या उससे बड़े साइज के गमले में लगाना सही रहता है ।  गमले में नीचे पानी निकलने के छेद जरूर रखनी चाहिए जिससे अतिरिक्त पानी मिट्टी से बाहर निकलता रहे और आपकी तुलसी सड़े नहीं।

तुलसी जी की देखभाल -
उत्तर भारत की बात की जाए तो सर्दियों के मौसम को छोड़कर पूरी साल तुलसी बहुत अच्छे तरीके से ग्रोथ करती है। सर्दियों में तापमान कम होने पर तुलसी की बड़वार ( ग्रोथ) रुक जाती है। सर्दियों में तुलसी को पाले से बचाने के लिए इसे कपड़े से कवर कर देना चाहिए। और ज्यादा से ज्यादा धूप में रखने की कोशिश करनी चाहिए । सर्दियों में तुलसी जी को  ज्यादा पानी भी ना दें। धूप निकलने पर ही पानी दीजिए।

∆ तुलसी जी के गमले में शालिग्राम जरूर रखें आध्यात्मिक रूप से बिना शालिग्राम के तुलसी के पौधे का कोई महत्व नहीं है।
∆ शाम को तुलसी जी के पौधे के नीचे घी का दीपक अवश्य जलाएं इसके लिए आटे के दीपक का उपयोग करें । दीपक में थोड़ी सी हल्दी डाल लें इस उपाय से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा। शास्त्रों के अनुसार आटे के दीपक को सबसे ज्यादा शुभ और पवित्र माना जाता है।

∆ घर में तुलसी जी को साफ जगह पर ही रखना चाहिए तुलसी जी के आसपास गंदगी बिल्कुल नहीं रहनी चाहिए

∆ तुलसी जी के पास झाड़ू जूते कूड़ेदान जैसी चीजें भूलकर भी ना रखें




यह दिन तुलसी जी को ना छुए
धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से रविवार और एकादशी के दिन तुलसी जी के वृक्ष को नहीं छूना चाहिए और प्रतिदिन देने वाला जल भी तुलसी जी को अर्पित ना करें।

तुलसी का पौधा सूख जाए तो क्या करें।
अगर घर पर तुलसी का पौधा सूख जाए तो तुलसी को जड़ सहित उखाड़ कर किसी पवित्र नदी तालाब सरोवर या पवित्र जलाशय में विसर्जित कर देना चाहिए। ध्यान रखें कि तुलसी के सूखे पौधे को भी रविवार के दिन नहीं उखाड़ना।

तुलसी के पौधे पर आने वाली बीमारियां।
तुलसी पर सामान्यतः धूप की कमी से बीमारियों का आक्रमण होता है धूप की कमी होने पर तुलसी की पत्तियां खाने वाले कीड़े ,तुलसी की पत्तियों पर लगने वाले धब्बे आदि बीमारियों का प्रकोप हो जाता है। 

उपचार - तुलसी पर पत्तियां खाने वाले कीड़ों का आक्रमण होने पर शाम के समय लकड़ी की राख का छिड़काव या हल्दी पाउडर का छिड़काव करने से फायदा मिल जाता है।
नीम का तेल पानी में मिलाकर छिड़काव करने से भी तुलसी की बहुत सारी बीमारियों में फायदा होता है।






तुलसी उगाने की पूरी जानकारी तुलसी उगाने की पूरी जानकारी Reviewed by homegardennet.com on जून 22, 2023 Rating: 5

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