फसल बीमा क्या है, फसल बीमा कैसे करें





फसल बीमा क्या है

किसान वह व्यक्ति है जो खेती का काम करता है। 70% भारतीय लोग किसान हैं वह किसान ही है जो खेतों में मेहनत करके देश भर की जनता का पेट भरता है। अफसोस की बात यह है की आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश का किसान आज भी आत्महत्या करने को मजबूर हो जाता है।
किसानों की समस्या को समझते हुए 2016 में भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा तोहफा किसानों को दिया--
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ,किसानों का सबसे बड़ा संकट है प्राकृतिक आपदा, जिसमें खेती में की गई उसकी पूरी मेहनत बर्बाद हो जाती है। किसानों को फसल की सुरक्षा देने के लिए भारत सरकार ने एक योजना निकाली जो फसल बीमा योजना के नाम से जानी जाती है।

यह योजना 13 जनवरी सन 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम से लागू हुई थी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक एवं मानसिक रूप से सुरक्षा की गारंटी दी जाती है खराब मौसम की वजह से जो फसल नष्ट हो जाती है और उनके ऊपर कर्ज का बोझ लद जाता है ।ऐसे किसानों के लिए सरकार ने एक योजना निकाली जिसे लोग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम से जानते हैं।




इस योजना के उद्देश्य---'

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य यह है कि निम्नांकित उपायों के द्वारा कृषि क्षेत्र से संबंधित उत्पादन को सहायता उपलब्ध कराई जाए।

* प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भुगतान की जाने वाली प्रीमियम दरों को किसानों की सुविधा के लिए बहुत कम रखा गया है जिसमें सभी छोटे-बड़े किसान आसानी से फसल बीमा का लाभ ले सकें।
*  इसके अंतर्गत सभी प्रकार की फसलों को शामिल किया गया है खरीफ की फसलों के लिए 2% प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा और रबी की फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।
*  वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा।
*  सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है यदि बचा हुआ प्रीमियम 90% होता है तो यह सरकार द्वारा बहन किया जाएगा।
*  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मे आने वाले 3 सालों के अंतर्गत सरकार द्वारा 8800 करोड़ खर्च करने के साथ ही 50% किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  से लाभ

बुवाई के 10 दिन के अंदर में ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फार्म भरना होता है इसका लाभ तभी मिलता है जब आप की फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से नष्ट हुई हो। बुवाई से कटाई के बीच खेत में खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे रोग व कीट से नुकसान की भरपाई , खड़ी फसलों को स्थानीय बिजली से हुए नुकसान की भरपाई ,फसल कटाई के तुरंत बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल को मौसमी चक्रवात, बारिश ओलावृष्टि और आंधी से हुए नुकसान का आकलन कर इसकी भरपाई  बीमा कम्पनी करेगी।

(1)-  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत देश के किसानों की फसलों में होने वाले नुकसान का बीमा दिया जाएगा।
(2)- यदि किसी किसान की फसल प्राकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हुई है तो उसे इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
(3)- यदि किसी किसान की फसल किसी मनुष्य के कारण नष्ट हुई हो तो  उसे इस  योजना के तहत कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा।
(4)- पॉलिसी के अंतर्गत किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2% तथा रबी की फसल के लिए 1.5% का भुगतान करते हैं जिसके अनुसार प्राकृतिक नुकसान जैसे सूखा, बाढ़ ओले के कारण फसल को हानि होने पर सरकार द्वारा मदद दी जाएगी ।


फसल बीमा योजना की पात्रता

इस योजना के अंतर्गत देश के सभी किसान पात्र हो सकते हैं।
इस योजना के तहत आप अपनी जमीन पर की गई खेती का बीमा करवा सकते हैं साथ ही आप किसी से उधार की, ली गई जमीन पर की गई खेती का भी बीमा करवा सकते हैं।
देश के उन किसानों को इस योजना के अंतर्गत पात्र माना जाएगा जिनको अभी तक किसी भी बीमा योजना का लाभ नहीं मिला हैं।

फसल बीमा के लिए आवश्यक दस्तावेज

1- किसान की एक फोटो
2- किसान का आधार कार्ड
3- पैन कार्ड ,बैंक खाता अथवा किसान क्रेडिट कार्ड।
4- ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड ,खतौनी संख्या।
5- खेत में फसल की बुवाई हुई है या नहीं इसका प्रमाण पत्र।
6- इसके सबूत के लिए किसान ग्राम प्रधान या सरपंच जैसे लोगों से एक लिखित पत्र देना होगा।
7- किसान का व्यवहारिक पता।


फसल बीमा में शामिल फसलें-

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन को अक्टूबर 2007 में शुरू किया गया। इस मिशन में शामिल चावल, गेहूं, दाल, मक्का और गन्ना जैसे मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना(2011-12) मे गेहूँ , चावल तथा दालों के उत्पादन में क्रमशः 10 मिलियन, 8 मिलियन तथा 2 मिलियन वृद्धि का लक्ष्य रखा गया था। खाद्य उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना(2012-17) मैं भी इस मिशन को जारी रखा गया है।

इनके अधीन फसलें

खाद्य फसल - जैसे अनाज दाल गेहूं चावल धान मक्का आदि
वार्षिक बागवानी फसलें-- गन्ना कपास और आलू
अन्य वार्षिक बागवानी फसलें उनके बारे में पिछले 3 साल का आंकड़ा उपलब्ध हो। जिन फसलों को अगले साल शामिल किया जाना है उनकी सूचना चालू मौसम में दी जाएगी।

इनके अधीन लाए जाने वाले राज्य व क्षेत्र

यह योजना सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में लागू है जो राज्य संघ शासित प्रदेश योजना में शामिल होने का विकल्प चुनते हैं उन्हें इस योजना में शामिल की जाने वाली फसलों की सूची तैयार करनी पड़ती है।
विकास नियम जो राज्य इस योजना में शामिल होंगे उन्हें कम से कम 3 साल तक इस योजना में बने रहना होगा।

किसानों के लिए प्रीमियम अनुदान---

लघु व सीमांत किसानों को प्रीमियम में 50% तक राज्य अनुदान दिया जाएगा जिसे केंद्र और राज्य या संघ शासित प्रदेश की सरकार बराबर बराबर बहन करेगी। प्रीमियम राज्य अनुदान 3 से 5 वर्ष की अवधि के बाद वित्तीय परिणाम तथा योजना लागू किए जाने के पहले वर्षों से किसानों की प्रतिक्रिया की समीक्षा के बाद सूर्यास्त के आधार पर वापस ली जाएगी।

कवरेज की प्रकृति और बध्य-
- यदि परिभाषित क्षेत्र में बीमा वाली फसल की वास्तविक पैदावार प्रति हेक्टेयर से कम होती है तो उस क्षेत्र के सभी किसानों द्वारा नुकसान उठाना माना जाएगा।

स्वीकृति और दावों के निपटारे की प्रक्रिया

राज्य संघ शासित प्रदेश सरकार से एक बार पैदावार का आंकड़ा मिल जाने के बाद दावों का निपटारा बीमा अभिकरण द्वारा किया जाएगा। दावों का चेक विवरण के साथ नोडल बैंकों के नाम से जारी किया जाएगा। निचले स्तर के बैंक किसानों के खातों में राशि स्थानांतरित कर उसे अपने सूचना पट पर प्रदर्शित करेंगे।
स्थानीय आपदाओं जैसे तूफान, चक्रवात, भूस्खलन और बाढ़ आदि में बीमा अभिकरण किसानों को हुए नुकसान के आकलन के लिए एक प्रक्रिया अपनाई गयी । इस क्रम में जिला कृषि केंद्र राज्य संघ शासित प्रदेश से परामर्श लिया जाएगा।
ऐसे दावों का निपटारा बीमा अभिकरण और बीमित के बीच होगा।

बीमा प्रबंधन और योजना की निगरानी

राज्य में योजना के कार्यक्रम की निगरानी के लिए संबंधित राज्य की मौजूदा फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति जिम्मेदार होगी। कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय स्तर की निगरानी समिति राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना की निगरानी करेगी।
● नोडल बैंकों के बिचौलिए आगे मिलान के लिए बीमित किसानों की सूची आपेक्षित विवरण जैसे- नाम ,पिता का नाम, बैंक खाता नंबर ,श्रेणी, लघु और सीमांत समूह ,महिला ,बीमित होल्डर बीमित फसल , एकत्र प्रीमियम ,सरकारी सब्सिडी आदि को कॉपी में संबंधित शाखा से प्राप्त कर सकते हैं।
● संबंधित बीमा कंपनियों से दावों की राशि प्राप्त करने के बाद बैंकों को 1 सप्ताह के भीतर दावा राशि लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित कर देनी चाहिए।
● लाभार्थियों की सूची फसल बीमा पोर्टल एवं संबंधित बीमा कंपनियों की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है।
● बीमा कंपनी द्वारा सत्यापित लाभार्थियों में से कम से कम 10% संबंधित जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा प्रति सत्यापित किए जाएंगे और वह अपनी प्रतिक्रिया राज्य सरकार को भेजेंगे।

विशेष वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप

भारत सरकार ने हाल ही में बेहतर प्रशासन समन्वय जानकारी के समुचित प्रचार-प्रसार और पारदर्शिता के लिए एक बीमा पोर्टल शुरू किया है।
एक एंड्रॉयड आधारित" फसल बीमा ऐप" शुरू किया गया है जो फसल बीमा ,कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।



फसल बीमा क्या है, फसल बीमा कैसे करें फसल बीमा क्या है, फसल बीमा कैसे करें Reviewed by homegardennet.com on जुलाई 07, 2020 Rating: 5

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