गमले में पौधों की देखरेख कैसे करें


जनसंख्या बढ़ने और शहरीकरण होने के कारण जमीन कम होती जा रही है। और यही कारण है कि अगर आप बागवानी भी करते हैं तो पौधे लगाने के लिए भी अनेंक लोगों के पास अपना खुद का बगीचा नहीं है। आप में से बहुत सारे लोग अपने बागवानी के शौक को पूरा करने के लिए गमलों में ही अपने पसन्द के पौधे उगाते है। यह बहुत अच्छी बात है कि आप बागवानी करते हैं और आप अपने शौक को पूरा करने के लिए काफी मेहनत भी करते हैं।लेकिन आपके द्वारा काफी मेहनत करने के बाद भी गमले में पौधों का उचित विकास नहीं होता। क्योंकि गमले में पौधे के तेज विकास के लिए बहुत सारी चीजों की जरूरत होती है। तो आज हम आपको गमले में पौधों की कैसे देखरेख करें ?इसके लिये आपको कौन सी बातें ध्यान रखनी है।गमले में खाद कैसे देते हैं? पौधों के लिए कीटनाशक की मात्रा क्या होगी? इस तरह की बहुत सारी बातें हम आपके साथ शेयर करेंगे।


मिर्च पर 3G कटिंग का कमाल



कौन सा गमला सबसे बेहतर होता है?
बागवानी के हिसाब से बात की जाये तो आजकल अनेक तरह के गमले प्रयोग किये जाते है। जैसे सीमेंट,प्लास्टिक  और  मिट्टी के गमले। लेकिन वजन और जरूरत के हिसाब से गमलों का चयन किया जाता है।अगर आपका बगीचा जमीन पर है तो आप अधिक भारी गमले प्रयोग कर सकते है जैसे मिट्टी या सीमेंट्स के गमले। लेकिन अगर आप छत पर बागवानी कर रहे है तो फिर हल्के मटैरियल जैसे प्लास्टिक या कपड़े से बने गमलों का प्रयोग करें। 

large plastic plant trays 

आजकल छत पर इनमे भी बागवानी की जा रही है सब्जियों के बीज उगाने के लिए यह काफी फायदेमंद रहते है अनलाइन बाजार से आप इसे आसानी से खरीद सकते है |

छत के लिये गमलों का चयन -
 छत पर बागवानी करते समय  आप कोशिश करें कि  छत पर कम से कम वजन हो। जिससे आप अधिक से अधिक पौधे टैरेस पर लगा सके। तो इसके लिए आपको क्या करना है कि आप जो भी गमले प्रयोग करें वह वजन में हल्के होने चाहिए। जैसे ग्रोबैग या प्लास्टिक से बने हुए गमले ,पॉलिथीन से बने हुए गमलों का प्रयोग भी आप छत पर बागवानी करने के लिए कर सकते हैं। आजकल तो बड़े सुंदर सुंदर ग्रो बैग ( Grow bags) बाजार में मिल जाते हैं या फिर आप ऑनलाइन बाजार से भी अपनी जरूरत के हिसाब से गमले खरीद सकते हैं। छत पर गमले इस तरीके से रखने हैं कि गमलों से पानी  कम से कम बाहर निकले जिससे हमारे छत में सीलन की समस्या पैदा ना हो। या आप अपने गमले ऐसी जगह रखें जहां पर गमलों से निकलने वाला अतिरिक्त पानी नाली में से होकर बाहर निकल जाए।

पौधों के लिये अच्छे गमले - Best Pots for Plants
अगर आप चाहते हैं कि बगीचे में लगे आप के पौधे तेज गति से वृद्धि करें तो इसके लिए मिट्टी का गमला सबसे अच्छा होता है। या फिर प्लास्टिक से बने हुए ग्रोबैग्स पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए बढ़िया रहते हैं। आप जो भी गमला प्रयोग करें उस गमले में पानी निकलने के लिए ड्रेनेज होल सही संख्या में होने चाहिए। इसके अलावा गमला मजबूत होना चाहिए । गमला धूप और पानी से जल्दी खराब ना हो इसके लिए अच्छी क्वालिटी के गमलों का चयन करें। जिससे हम लंबे समय तक गमलों में पौधे लगा सकें।

गमलों में लगे पौधों की देखरेख के महत्वपूर्ण  टिप्स -

■ हर महीने गमले के ड्रेनेज होल को कील या लकङी की सहायता से खोल देना चाहिये। अगर गमले का ड्रेनेज होल चौक हो जायेगा तो पौधे का विकास रूक जायेगा। पौधे की पत्तियो पीली पड़ जायेगी और आखिर में पौधा सड़क मर जायेगा।
■ महीने में एक दो बार गमले के स्थान को चैन्ज कर देना चाहिये। इससे गमले में लगे पौधे का समुचित विकास होता है। अगर आप गमले के स्थान को चैन्ज नही करेगें तो पौधा किसी एक दिशा में तो अच्छी ग्रोथ करेगा। और दूसरी तरफ खराब हो जायेगा।
■ गमले में जब भी नया पौधा लगायें तो उसकी पूरी मिट्टी निकाल कर उसमें दुबारा नयी मिट्टी और खाद का मिश्रण बनाकर भरें। क्योकि 2-6 महीनें में गमले में भरी मिट्टी में से पौषक तत्व लगभग खत्म हो जाते है। और अगर दुबारा गमले में खाद नही दी गयी तो गमले में लगे पौधे सही ग्रोथ नही करेगें।
■ मिट्टी के गमले को किसी पेन्ट से रंग रोगन ना करें। क्योकि मिट्टी के गमले की तह में हल्के छेद होते है। जिससे पौधे को हवा मिलती रहती है। गमले में अतिरिक्त पानी भी बाहर निकलता रहता है। अगर आप मिट्टी के गमलों को रंग देगें  तो मिट्टी के गमलों का कोई फायदा नही। आप गेरू से मिट्टी के गमले रंग सकते है।



गमलों में पानी देने का तरीका ( Watering in plants)
■ गमलों में लगे पौधों में आप जब भी पानी दें उस समय मिट्टी सूखी या भुरभुरी होनी चाहिये। अगर गमले की मिट्टी पहले से गीली है तो गमले में पानी ना दें। सबसे पहले गमले का ड्रेनेज होल चैक करें। अगर ड्रेनेज होल बन्द है तो उसे खोल दें। गमले में जरूरत से ज्यादा पानी पौधे को मार देता है।
■ गमले में हर सप्ताह मिट्टी की गुड़ाई करें फिर उसमें खाद देकर एक दो दिन धूप लगने दें। उसके बाद भरपूर पानी दें। जिससे पौधे को पानी के साथ -साथ खाद भी मिल जाये। भरपूर पानी देने के बाद कुछ दिनों के लिये पानी  देऑआ बन्द कर दें या मौसम के अनुसार पानी दें।

गमलों में पानी देने का समय -
■ गमलों में पानी देने के बाद कुछ समय तक पानी भरा रहता है। इसलिये आप गमलों जब भी पानी दें तो कोशिश करें की उस समय तेज धूप ना हो। क्योकि अगर तेज धूप होगी तो गमले में भरा हुआ पानी गर्म हो जायेगा। और गर्म पानी आपके पौधे की महीन जड़ो को खत्म कर देगा। जिससे पौधा सूख जायेगा । इसलिये सुबह धूप निकलने से पहले और शाम को धूप खत्म होने के बाद गमलों में पानी दें। 
■ सर्दी के मौसम में शाम को पानी ना दें। अगर पाला पड़ने की संभावना हो तो शाम को हल्का पानी दिया जा सकता है। सर्दियो में सुबह पानी  देना चाहिये। गर्मियों में सुबह शाम दोनों समय पानी दीजिये। और इस तरीके से पानी दें कि पौधे की पत्तियां बारिश के तरीके से भींग जाये। इससे पत्तियों पर से रेत (धूल) साफ हो जाती है। पौधे तेजी  से भोजन बनाने लगते है।और अच्छे  हो जाते है।

गमलों में खाद कैसे और कब दें ?
■ गमलों में लगे पौधों के उचित विकास के लिये समय से खाद देना काफी जरूरी है। महीने में कम से कम दो बार कोई भी जैविक खाद ( गोबर,कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट खाद) जरूर देनी चाहिये। रासायनिक  खाद का प्रयोग ना करें या बहुत ही सीमित मात्रा में करें। क्योंकि  रासायनिक खाद के ज्यादा प्रयोग से गमलों की मिट्टी खराब हो जाती है। मिट्टी का  PH लेवल बदल जाता है इससे पौधों का उचित विकास नही होता।


खाद कब दें - 
गमलों में लगे पौधों के हिसाब से खाद देनी चाहिये। कुछ पौधों को ज्यादा खाद की जरूरत होती है। कुछ पौधे कम खाद से ही काम चला लेते है। गमले की मिट्टी में अगर आप पहले से खाद मिलाये हुये है तो गमले में पौधा लगाने के 20-25 दिन बाद खाद लगानी चाहिये। या गमले में लगा पौधा जब तक रिकवर होकर वृध्दि ना करने लगे तब तक खाद ना लगायें। 
गमले में पहली खाद - पौधा लगाने के 20 दिन बाद
गमले में दूसरी खाद - पहली खाद लगाने के 15 दिन बाद

गमले में तीसरी खाद - पौधे पर फूल आने की शुरूआत में ।
गमले में चौथी खाद - पौधे पर फल छूटने पर लगानी चाहिये।

इस तरीके से आप गमले में लगे पौधों में खाद लगा सकते हैं। हमेशा अच्छी क्वॉलिटी  की फुल डीकम्पोस्ड खाद ही पौधों में लगायें। अगर खाद अनुकम्पोस्ड ( कच्ची खाद) है तो यह पौधों को फायदा देने की जगह नुकसान पंहुचा सकती है। आप घर पर ही अपने बगीचे के लिये खाद बनाया करें तो ज्यादा बेहतर है।

गमलों के लिये खाद की मात्रा - ( fertilizer)
5" के गमले के लिये - 50 ग्राम खाद एक बार में
10" के गमले के लिये -100-150 ग्राम खाद एक बार में
10" से बड़े गमले के लिये - 150-200 ग्राम खाद एक बार में
16-20" गमले के लिये - 200-300 ग्राम खाद एक बार में

रासायनिक खाद - गमलों में रासायनिक खाद कम मात्रा में दें। जैसे NPK,DAP,SULFER रासायनिक खाद की थोड़़ी सी अधिक मात्रा भी पौधे को मार सकती है।

गमलों में खाद कैसे दें ?( how to fertilize)
■ गमलों में जब भी आप खाद दें तब मिट्टी ना तो अधिक सूखी और ना ही अधिक गीली होनी चाहिये। ध्यान रखें गमले की मिट्टी हल्की नमीयुक्त हो तभी खाद दें।
■ दोपहर के बाद पौधों में खाद देनी चाहिये जिससे रात के सही तापमान युक्त मौसम में पौधे खाद को अच्छे तरीके से ग्रहण कर सकें। सुबह खाद देने से तेज गर्मी की वजह से खाद खराब भी हो सकती है और पौधे  मौसम की गर्मी और खाद की गर्मी से झुलस भी सकते है।
■ गमलों में खाद देने के दो तीन पहले पानी दें उसके बाद गमले की मिट्टी की हल्की गहरी ( 1-2 इंच) गुड़ाई जरूर करें। फिर गमले की मिट्टी में एक दिन तेज धूप लगने दें। उसके बाद खाद देकर ऊपर से पानी लगा दें। इस तरीके से खाद लगाने पर आपके पौधे तेज गति से ग्रोथ करेगें। 




गमलों के लिये घरेलू खाद -( home made fertilizer)
■ घर पर चाय बनाने के बाद बची हुई चायपत्ती का प्रयोग पौधों में खाद के रूप में किया जा सकता है।
■ दाल,चावल ,सब्जी आदि को धोने के बाद बचा हुआ पानी फेंके नही बल्कि अपने पौधों में प्रयोग करें। यह भी एक अच्छी खाद का काम करता है।
■ दूध,छाछ, पनीर का पानी, आदि भी गमलों में लगे पौधों के काम आता है। 

गमलों में पौधों की देखरेख और सावधानियां 
गमलों में पौधों की समय से कटाई - छटाई आदि करते रहें। अगर पौधे का साइज गमले के हिसाब से बड़ा हो जायेगा तो फिर पौधे का उचित विकास नही होगा।
■ गमले में आप जब भी नयी मिट्टी या खाद मिलाये  तो गमले में से पहले पुरानी मिट्टी बाहर निकाल लें। जिससे गमले में पानी देने के लिये जगह बची रहे।
■ गमले में पौधों में रूट बाॅल ( जड़ो का गुच्छा) बहुत जल्दी बनता है। अगर पौधे की जड़ो में रूट बाॅल बन गया तो फिर पौधे का विकास रूक जाता है तो समय समय पर पौधे की अतिरिक्त जड़ो को काटकर रूट बाॅल खत्म करते रहना चाहिये।
■ गमलें में लगे पौधों को अधिक से अधिक धूप मिलनी चाहिए  इसलिये आप अपने गमलों को ऐसी जगह रखें जहां अधिक समय तक सूरज की रोशनी रहती हो। अगर आपके बगीचे या बालकनी में धूप नही आती तो फिर आप कम धूप चाहने वाले पौधे ही लगायें।


 सब्जियों के हिसाब से गमलों का आकार - 

बेलदार  सब्जियां  ( Vine vegetables) 
जैसे - लौकी,तोरई, करेला ,सेम, खीरा, परवल,कद्दू,पूठा  आदि लता वाली सब्जियां जो काफी तेजी से और बड़ी  दूरी तक ग्रोथ करती है।
बेलदार सब्जियां काफी दूर तक चली जाती हैं इन्हें अधिक मात्रा में पोषक तत्व अधिक मात्रा में पानी और ग्रोथ के लिए ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती है ऐसी सब्जियों को लगाने के लिए बड़े गमले ज्यादा बेहतर होते हैं इन गमलों की चौड़ाई लंबाई की अपेक्षा कम होती है। क्योकि इन पौधों की जड़ें  काफी गहराई तक जाती है।
इसलिए इन सब्जियों को उगाने के लिए बड़े से बड़े साइज का गमला प्रयोग करें।जिसमें गमले में अधिक से अधिक मिट्टी आ सके और इन सब्जियों की अच्छी ग्रोथ हो सके जिससे आपको अच्छी और ज्यादा मात्रा में सब्जियां खाने को मिल सके।
जैसे - 18×12 इंच ,15×12, इंच ,15×9,12×9



छोटी सब्जियां  ( Pot grow vegetables)
ऐसी सब्जियां जिन्हें उगाने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती, जिन्हें आप छोटे साइज के गमलों में आसानी से उगा सकते हैं ।इन सब्जियों की जो मुख्य जड़ ज्यादा गहराई तक नहीं जाती बल्कि  उसमें सहायक जड़े ज्यादा निकलती हैं जिससे पौधे को ज्यादा मिट्टी की जरूरत नहीं होती आप ऐसे सब्जियों को छोटे आकार के गमलों में उगा सकते हैं। आप छत पर भी आसानी से इन्है लगा सकते है
जैसे - बैंगन, मिर्च, टमाटर, शिमला मिर्च, अदरक,आलू, आदि
इन सब्जियों को उगाने के लिये गमले का आकार
12×12 इंच 12×9इंच ,9×9इंच,   9×6इंच,




छोटे आकार की सब्जियां  - 
ऐसी सब्जियां जो आकार में तो काफी छोटी होती है लेकिन उन्हें अधिक संख्या में उगाया जाता है जैसे धनिया,पालक, मेथी ,कुल्फा, ग्वारफली, आदि। इन सब्जियो के लिये कम गहरे लेकिन अधिक चौड़े गमले सही रहते हैं। क्योकि इन सब्जियों की जड़ें  काफी कम होती है।

5×18 इंच ,6×12 इंच ,5×15 इंच आदि




गमलों में सब्जियां उगाने के फायदे - 

■  शहरों में ऐसे लोग भी अपने लिये सब्जियां उगा सकते है। जिन लोगों के पास जमीन का बगीचा नहीं है । 

■ जगह की बहुत ज्यादा कमी होने पर भी गमलों की सहायता से बागवानी की जा सकती है।जैसे बड़े शहर जहां पर बालकनी में या सीढ़ियों  के पास आप गमलों में कोई भी पौधे लगा सकते हैं। 

■ गमलों में सब्जियां उगाते समय गमले वजन में काफी हल्के होते हैं। जिन्हें एक जगह से दूसरी जगह बड़ी आसानी से ले जाया जा सकता है। तो मौसम के अनुसार उन्हें उठाकर धूप वाली जगह या छांव में आसानी से रखा जा सकता है ।

■  गमलों को छायादार जगह पर रखकर बेमौसम या ठंडी जगह पर होने वाली सब्जियों को भी आसानी से उगा सकते हैं।

■ गमलों में पानी निकलने के लिए छेद होते हैं ।जिससे अधिक वर्षा होने पर भी सब्जियां खराब नहीं होती क्योंकि गमलों में से अतिरिक्त  पानी आसानी से निकल जाता है।  जमीन में ऐसा नहीं हो पाता और बारिश के समय लगातार बारिश से बहुत सारी सब्जियां बढ़कर खराब हो जाती है।





गमलों में सब्जियां उगाने के नुकसान 
अगर किसी चीज का कोई फायदा है तो उसी चीज से कुछ नुकसान भी होगा अब जैसे गमले हैं बागवानी में गमले काफी फायदेमंद भी होते हैं तो उनके भी कुछ नुकसान हैं

■ गमले मौसम से( सर्दी - गर्मी) बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं ।जैसे ज्यादा गर्मी होने पर गमलों की बाहरी सतह बहुत जल्दी गर्म हो जाती है इस वजह से आपके गमलों में लगे पौधे झूलस सकते हैं ।और अगर आपने गर्म गमले में ही पानी दे दिया जाए तो पौधों की जड़ सड़ जाती है जिससे बाद में पौधे मर जाते हैं।

■ गमलों में पौधों की रूट बाॅल ( जड़ो का गुच्छे) बहुत जल्दी बनती है। जिस वजह से पौधे का उचित विकास नहीं हो पाता( ग्रोथ रुक जाती है ) और जब पौधे की नई जड़ें  नही बनेगी तो  पौधा बहुत जल्दी बूढ़ा हो जाता है।जिससे आपको  लंबे समय तक फल या सब्जियां खाने को नही मिल पाती।

■  गमले में जगह की कमी से मिट्टी सीमित होती है और इसी वजह से गमलों में जल्दी -2 पौषक तत्वों की कमी हो जाती है। अगर गमलों में समय से खाद ना दी जाए । तो पौधों में पोषक तत्व की कमी से अनेक तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं, और इस फिर पौधे सही उत्पादन नहीं कर पाते जिस वजह से आपको अच्छी सब्जियां खाने को नहीं मिल पाती।

■ प्रतिस्पर्धा के दौर में अच्छे किस्म के गमले भी नहीं मिल पाते जिस वजह से गमलों की उम्र भी कम रहती है। या कमजोर गमले जल्दी-जल्दी  खराब होते रहते हैं या टूट जाते हैं और आपका पैसा भी बर्बाद हो जाता है।

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गमले में पौधों की देखरेख कैसे करें  गमले में पौधों की देखरेख कैसे करें Reviewed by Garden advisor on जुलाई 29, 2020 Rating: 5

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