तुलसी पौधे के लाभ
तुलसी का पौधा लगभग हर घर में पाया जाता है तुलसी के पौधे के बहुत सारे आयुर्वेद लाभ है यहां हम आपको तुलसी लगाने में बरती जाने वाली सावधानीयां या फिर कहीं लगाने की वह विधि बता रहे हैं जिससे आपका तुलसी का पौधा हरा भरा और घना रहेगा और आपका तुलसी का पौधा बहुत तेजी से बढेगा भी .
मौसम
वैसे तो तुलसी किसी भी मौसम में लगायी जा सकती है , लेकिन तुलसी को लगाने के लिए समय सितंबर से नवंबर तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इसका भी ध्यान रखें कि जब भी आप नर्सरी या किसी से मांगकर तुलसी का कोई पौधा अपने घर लगाने के लिए लाते हैं तो वह बिल्कुल नया पौधा हो । जब आप तुलसी का पौधा अपने गमले में लगायें तो पौधा ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए । क्योंकि तब तक पौधे की जड़ें विकास कर चुकी होगी । आप चाहें उसे किसी भी प्रकार से लगाएं लेकिन तुलसी का पौधा अच्छी तरह से विकास नहीं करेगा ।
मिट्टी और गमला
हमेशा मिट्टी या फिर सीमेंट का ही गमला ले, मिट्टी के गमले में पौधा ज्यादा अच्छी तरह से ग्रोथ करता है । इसके अलावा पौधा लगाने के लिए सामान्य मिट्टी लें , लेकिन पीली मिट्टी न लें इस मिट्टी से तुलसी के पौधे का विकास नहीं हो पाता है । तुलसी के पौधे के लिए आप यमुना के किनारे की काली मिट्टी या फिर दोमट मिट्टी भी ले सकते हैं ।
मिट्टी की तैयारी कैसे करें
80%मिट्टी और 20% गोबर खाद लेकर अच्छी तरह से मिलाते हुए एक दम भुरभुरी कर लें, अगर आप चिकनी मिट्टी लें तो 60%मिट्टी और 40% गोबर खाद लें , गोबर खाद की जगह आप बर्मी कम्पोस्ट या कम्पोस्टखाद भी ले सकते हैं । लेकिन रासायनिक खाद ना लें। तुलसी एक आयुर्वेदिक औषधि पौधा भी है । और रासायनिक खाद इसके गुणों को नष्ट कर सकते है । गोबर खाद इस्तेमाल करते समय यह भी ध्यान रखें कि इसे बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल ना करें ज्यादातर लोग इसे खाद समझकर इसे ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं कि इससे पौधा ज्यादा तेजी से बढेगा , जबकि पौधा मरने लगता है
रोपण
गमले में मिट्टी को दबाते हुए पूरा भरें जिससे मिट्टी अच्छी तरह से बैठ जाएगी और पौधा गिरने से बच जाएगा। ऊपर तक मिट्टी भरने के बाद इस के बीच एक गहरा छेद बनाएं और उसमें तुलसी का पौधा लगा दें। मिट्टी से उसकी जड़ों को ढंकते हुए फिर से अच्छी प्रकार दबाएं। पानी से गमला भर दें। रोजाना पानी दें और 10 से 15 दिन तक इसे छाया में ही रखें। इसके बाद हल्की-हल्की धूप लगाएं।
तुलसी की देखभाल
Reviewed by homegardennet.com
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अगस्त 16, 2019
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