पौधों के संतुलित विकास के लिए मिट्टी में विभिन्न तरह के पोषक तत्वों का सही मात्रा में होना बहुत जरूरी है। नाइट्रोजन पौधे के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है पौधे में इसकी कमी होने पर पौधे में अनेक तरह की समस्यायें सामने आती है। आज हम आपको बतायेगें पौधों में नाइट्रोजन की कमी होने पर क्या लक्षण होते है।
1-पौधे छोटे यानि की बोने रह जाते हैं।
2-पौधे हल्के पीले दिखायी देने लगते हैं।
3- प्रोटीन प्रतिशतता कम हो जाती है।
4-नाइट्रोजन की ज्यादा कमी होने पर पौधे पर फूल नही बनते है। या बहुत छोटे फूल बनते है। इससे पौधे की उपज कम हो जाती है।
5- पौधों में नाइट्रोजन की कमी होने पर पौधे की पत्ती के किनारे वा नोक झुलसी हुई नजर आती है।नयी आने वाली पत्तिया झलस जाती है और पुरानी पत्तियां सूख जाती है।
6- कल्ले वाली फसल,जैसे गन्ना,गैहू आदि में गल्ले कम फूटते हैं।
7- नाइट्रोजन की ज्यादा कमी होने पर पौधे की पत्तियों का रंग सफेद हो जाता है।
8- फल वाले पौधों से छोटे - छोटे फल गिरने लगते हैं।
2-पौधे हल्के पीले दिखायी देने लगते हैं।
3- प्रोटीन प्रतिशतता कम हो जाती है।
4-नाइट्रोजन की ज्यादा कमी होने पर पौधे पर फूल नही बनते है। या बहुत छोटे फूल बनते है। इससे पौधे की उपज कम हो जाती है।
5- पौधों में नाइट्रोजन की कमी होने पर पौधे की पत्ती के किनारे वा नोक झुलसी हुई नजर आती है।नयी आने वाली पत्तिया झलस जाती है और पुरानी पत्तियां सूख जाती है।
6- कल्ले वाली फसल,जैसे गन्ना,गैहू आदि में गल्ले कम फूटते हैं।
7- नाइट्रोजन की ज्यादा कमी होने पर पौधे की पत्तियों का रंग सफेद हो जाता है।
8- फल वाले पौधों से छोटे - छोटे फल गिरने लगते हैं।
नत्रजन से होने वाले फायदे-
1- जैविक (कार्बनिक ) पदार्थ को जल्दी सड़ा देता है।
2-दाने व चारे वाली फसलों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ता है।
3- गन्ना, गेहूं ,जौ, जई की फसलों में कल्ले बड़ी तेजी से फूटते हैं।
4- नाइट्रोजन की सहायता से ही पौधे फास्फोरस और पोटेशियम का उपयोग संतुलित रूप से कर पाते हैं।
5- पौधों की पत्ती में हरे रंग (पर्णहरित) व प्रोटीन की रचना में नाइट्रोजन का मुख्य स्थान है। पौधों में नाइट्रोजन से अमीनो अम्ल ,प्रोटीन ,एल्कावाइड्स व प्रोटोप्लाज्मा का निर्माण होता है।
6- अनाज वाली फसलों में नाइट्रोजन की सहायता से दाने सुडौल और बड़े मजबूत बनते हैं।
2-दाने व चारे वाली फसलों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ता है।
3- गन्ना, गेहूं ,जौ, जई की फसलों में कल्ले बड़ी तेजी से फूटते हैं।
4- नाइट्रोजन की सहायता से ही पौधे फास्फोरस और पोटेशियम का उपयोग संतुलित रूप से कर पाते हैं।
5- पौधों की पत्ती में हरे रंग (पर्णहरित) व प्रोटीन की रचना में नाइट्रोजन का मुख्य स्थान है। पौधों में नाइट्रोजन से अमीनो अम्ल ,प्रोटीन ,एल्कावाइड्स व प्रोटोप्लाज्मा का निर्माण होता है।
6- अनाज वाली फसलों में नाइट्रोजन की सहायता से दाने सुडौल और बड़े मजबूत बनते हैं।
पौधों में नत्रजन दूर करने का उपाय-
1- फसल योजना बनाते समय नाइट्रोजन खाद की मात्रा देने का अनुमान अवश्य करें कि हमें अपनी फसल में कब और कितनी मात्रा में नाइट्रोजन देना है।
2- यदि फसल की आरंभ की अवस्था में नाइट्रोजन की कमी मालूम पड़ रही है। तो अतिरिक्त रूप से नाइट्रोजन दी जा सकती है ।लंबी अवधि वाली फसलों में नाइट्रोजन की कमी दूर करने के लिए ज्यादा समय मिल जाता है ।तो जैसे ही आपको लगे कि आप के पौधे में नाइट्रोजन की कमी हो रही है तो नाइट्रोजन वाली खाद दें जिससे पौधे में नाइट्रोजन की पूर्ति हो सके।
3- नाइट्रोजन की ज्यादा कमी होने पर पौधे की पत्तियां सफेद पड़ गई हो तो तुरंत अतिरिक्त रूप से नाइट्रोजन की खाद पौधे में जरूर दें।
2- यदि फसल की आरंभ की अवस्था में नाइट्रोजन की कमी मालूम पड़ रही है। तो अतिरिक्त रूप से नाइट्रोजन दी जा सकती है ।लंबी अवधि वाली फसलों में नाइट्रोजन की कमी दूर करने के लिए ज्यादा समय मिल जाता है ।तो जैसे ही आपको लगे कि आप के पौधे में नाइट्रोजन की कमी हो रही है तो नाइट्रोजन वाली खाद दें जिससे पौधे में नाइट्रोजन की पूर्ति हो सके।
3- नाइट्रोजन की ज्यादा कमी होने पर पौधे की पत्तियां सफेद पड़ गई हो तो तुरंत अतिरिक्त रूप से नाइट्रोजन की खाद पौधे में जरूर दें।
पौधों में पोषक तत्वों की कमी एवं उन की पहचान/लक्षण ,पौधों में नाइट्रोजन कम होने के लक्षण
Reviewed by homegardennet.com
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अप्रैल 24, 2019
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