कैसे करें चन्दन की खेती की शुरुआत
खेत की तैयारी
अगर आपके पास जल कीउचित व्यवस्था हो तो तो वर्ष में कभी भी लगाया जा सकता है
पेड़ लगाने से पहले गहरी जुताई की आवश्यकता होती है
जैविक खाद या कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है2-3 खेत की जुताई करके मिट्टी की छमता बढ़ाई जा सकती है
2 x 2 x 2 फीट का गड्डा बनाकर उसे सूखने दिया जाता है
- 10x 10 फीट की दूरी पर पौधे लगाएं
चन्दन के बीज
चन्दन की नर्सरी लगाकर खेती के अलावा हम चन्दन के बीज से ही चन्दन की खेती कर सकते हैं इसके लिए अगस्त -मार्च तक का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है इस तरह चन्दन के पौधे को 15 - 20 वर्ष तक का समय लगता हैं
जलवायु
चन्दन की खेती के लिए जिस क्षेत्र का जलवायु माध्यम वर्षा से भरपूर मात्रा में धूप और शुष्क मौसम लम्बी अवधि वाले है उसे अच्छा मन गया है
पौधो का रोपण
भूमि
चन्दन का पौधा मुख्य रूप से काली लाल दोमट मिट्टी रूपान्तरित चट्टानों में उगता है खनिज और नमी युक्त मिट्टी में चन्दन का पौधा विकास कम कर पता है उथले चट्टानी मैदान पथरीली बजरी मिट्टी चूनेदार मिट्टी सहन करते हैं कम खनिज मिट्टी में चन्दन तेल की उपज बेहतर होती है
खाद एवं सिंचाई प्रबंद
चन्दन को अधिक उर्वरक की आवशयकता की जरूरत नहीं होती है शुरूवाती दिनों में फसल की वृदि के दौरान खाद की अवश्यकता होती है वर्षात के समय चन्दन का पौधा तेजी से बढ़ता है गर्मियों में सिंचाई की अवश्यकता होती है ड्रिप विधि से सिंचाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए सिंचाई मिट्टी में नमी धारण की क्षमता और मौसम पर निर्भर करती है सुरुवाती समय में वर्षात के बाद सिंचाई दिसंबर से मई तक करें
इस्तेमाल
चन्दन का इस्तेमाल साबुन ,धूप ,तेल ,इत्र ,और ब्यूटी क्रीम में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है
चन्दन की कटाई
(1 ) चन्दन का पौधा 5 वें साल से रसदार लकड़ी बनाना शुरू कर देता है
(2 ) चन्दन का पौधा 13 से 15 साल के बीच में बेकने के योग्य हो जाता है(3 ) इसके दो हिस्से है सूखी लकड़ी और रसदार लकड़ी इनका बाजार में भाव अलग- अलग है
(4 ) चन्दन के पेड़ की जड़ से सुगंधित उत्पादन बनते हैं इसलिए पेड़ को कटाने की बजाय जड़ से उखाड़ लिया जाता है
(5 ) उखाड़ने के बाद इसे टुकड़ो में बाँट लिया जाता है ताकि रसदार लकड़ी को डिपो में अलग किया जा सके
पैदावार
13 - 15 साल बाद चन्दन से औसतन 20 -40 किलो लकड़ी प्राप्त होती है जिसकी बाजार में कीमत 5 -6 हजार रूपए प्रति किलो है और इसकी डिमांड भी बहुत है कि हमारे देश में इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही हैइंडिया की अलावा चीन,इण्डोनेसिया ,अमरीका और कई देशो में भी है
कीट व रोग नियंत्रण
चन्दन के पौधे का सबसे बड़ा दुश्मन सैंडल स्पाइक नाम का एक रोग है इस रोग के लगने से चन्दन के पौधे के सभी पत्ते इठ कर छोटे हो जाते हैं इसके साथ ही पौधा टेड़ा - मेडा हो जाता है अभी तक इस रोग के बचाव के लिए सभी उपाय फेल साबित हुए हैं पर अभी तक इसका कोई इलाज पैदा नहीं हुआ है
कैसे करें चन्दन की खेती की शुरुआत
Reviewed by homegardennet.com
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सितंबर 15, 2017
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