नीबूं पर नही आ रहे फल तो क्या करें

     

         

नमस्कार दोस्तो।
नींबू फलदार पौधों में एक प्रमुख स्थान रखता है। नींबू को जमीन के साथ-साथ गमले में आसानी से उगाया जा सकता है आजकल बहुत बड़े स्तर पर नींबू की खेती की जा रही है आप अपने बगीचे में न्यू के कुछ पौधे लगाकर नींबू से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। आज हम जानेंगे अगर आपके नींबू के पौधे पर अच्छे फल नहीं आते हैं या फलों का साइज बेहतर नहीं होता है तो क्या कारण है? और आपको इसे सही करने के लिए क्या करना पड़ेगा?

नींबू कब उगाएं ? 
नींबू एक फलदार पौधा है ।उत्तर भारत में नींबू आने के लिए सबसे सही समय गर्मियों बरसात का मौसम होता है। मार्च से लेकर जून जुलाई का महीना नींबू के पौधे लगाने के लिए सर्वोत्तम समय है। अगर आप बड़े स्तर पर नींबू लगा रहे हैं तो जून के महीने में पौधे लगाने के लिए गड्ढे तैयार कर दें। और बरसात का मौसम आते ही उन गड्ढों में नींबू के पौधे रोपित कर दिए जाएं।

नींबू की कौन सी वैरायटी लगाएं ?
वर्तमान में नींबू की बहुत सी वैरायटी उगाई जा रही हैं। लेकिन वर्गीकरण के आधार पर हम नींबू को दो तरह का रखते हैं। बीज से उगाया गया नींबू और ग्राफ्टेड तरीके से नर्सरी में तैयार किया गया नहीं नींबू। 
अगर आप गमलों में नींबू लगा रहे हैं और छोटे स्तर पर नींबू का उत्पादन करना चाहते हैं तो नर्सरी में तैयार ग्राफ्टेड नींबू के पौधे आपके लिए सर्वोत्तम रहेंगे। इसकी अपेक्षा अगर आप बड़े स्तर पर नींबू की खेती कर रहे हैं। बागान लगा रहे हैं और आप चाहते हैं के 20- 25 साल आपको अच्छा उत्पादन मिले तो फिर बीज से तैयार नींबू के पौधे लगाना सही रहता है।

  यह वीडियो देखकर नींबू की 
और अधिक जानकारी ले सकते है 





नींबू पर फल फूल ना आने का कारण -

नींबू पर फूल ना आने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं ।उनमें से कुछ कारण हम आपको बता रहे हैं।

• पौधे की उचित उम्र ना होना, बीज से उगाए गए नींबू पर 5-6 वर्ष बाद फल आने की शुरुआत होती है वही नर्सरी से लाए गए गार्फ्टेड नींबू पर एक वर्ष में ही फल आने लगते है।

• गमले का सही साइज का ना होना । अगर आपने नींबू को गमले में लगाया हुआ है तो ध्यान रखें कि गमला कम से कम 14_18 " इंच का होना जरूरी है। छोटा गमला होने पर पौधे पर फूल तो खूब आएगा लेकिन फल नहीं बनेगा।

•धूप और पोषक तत्वों की कमी होने से भी नींबू पर फल नहीं आता। नींबू एक सदाबहार पौधा है जो वर्ष में दो बार फल देता है। इसलिए नींबू के पौधे को ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। गमले में लगे नींबू के पौधे को हर महीने खाद लगानी चाहिए। जबकि जमीन में लगे नींबू के पौधे में वर्ष में 3_4 बार खाद देना अनिवार्य है। नींबू के पौधे पर अच्छे फल आएं इसके लिए जरूरी है की नींबू के पौधे पर ज्यादा से ज्यादा धूप रहे।  नींबू के पौधे पर किसी अन्य पौधे की छाया बिल्कुल नहीं रहनी चाहिए।

• नींबू के पौधे पर बीमारियों का प्रकोप होने पर भी फल नहीं आते। वैसे तो नीबूं के पौधे पर ज्यादा बीमारियां आती नही लेकिन फिर भी पौधे पर जब नई पत्तियां आए उस समय पत्तियां खाने वाले कीड़े आते है तो उस समय दवा का छिड़काव जरूर करें।


  नींबू पर आने वाली बीमारियां -
नींबू पर कैंकर ( कोढ़) रोग आता है। कैंकर रोग में पत्तों टहनियों व फलों पर गहरे रंग के  धब्बे पड़ जाते हैं । टहनीमार में टहनिया ऊपर से सूखने लगती है। 

• गोंद निकलना : नींबू में  जमीन के नजदीक तने के पास से छाल निकल जाती है और वहां पर गोंद जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलने लगता है। शुरू में सड़न ( गलन) रोग में नींबू के पत्ते टहनी और फल बाहर से पीले पड़ते है फिर उन पर धीरे-धीरे जंग के रंग वाले धब्बे पड़ने लगते है। 

रोकथाम :
सर्दियों की शुरुआत में ( जनवरी फरवरी ) में  नींबू के गुण निकलने वाले भाग को कुरेद कर साफ करें उसके बाद बोर्डो पेस्ट लगाएं । नींबू की जो टहनियां सूख रही हैं उन्हें काट दें उसके बाद फंगीसाइड पाउडर को लगा दे आखिर में 0.3% कॉपर ऑक्सिक्लोराइड के तीन छिड़काव अक्टूबर दिसंबर और फरवरी में करें।

जुलाई से सितंबर तक उपचार :
नींबू के पौधे के पास बरसात का अतिरिक्त पानी ना भरने दें बगीचे से अतिरिक्त पानी निकास की सही व्यवस्था रखें और मौसम साफ होने पर जब धूप खेल रही हो उस समय महीने में एक बार या दो बार 0.3% कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का छिड़काव अवश्य करें

नींबू पर लगने वाले प्रमुख कीट

नींबू का लीफ :  माइनर पत्तियों की दोनों सतह पर चांदी की तरह चमकीली और टेढ़ी-मेढ़ी सुरंग बनाता है यह अन्य फसलों पर भी अपना प्रभाव डाल देता है।

 नींबू की मक्खी :   मार्च से सितंबर तक सक्रिय रहने वाला यह केक पत्तियों खासकर कोमल पत्तियों से रस चूस कर नुकसान पहुंचाते हैं ।

नींबू का तेला :  नींबू प्रजाति के पौधों को नींबू का तेला चूस कर मार्च-अप्रैल और बरसात के बाद हानि पहुंचाता है।

रोकथाम :

लीफ माइनर व तेल की रोकथाम के लिए
मार्च - अप्रैल के महीने में 750 मिली लीटर मेटासिस्टॉक्स, 625 मिली रोगोर या 500 मिली मोनोक्रोटोफॉस 36SL को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ बाग में छिड़काव करें।
पौधे पर नई पत्तियां आते समय (  Amidaclorpid ) 1 ml / 2 leter और Dimethoateb 1ml / 1 leter jarur लगाएं।


नींबू के पौधे के लिए सर्वोत्तम खाद 

नींबू के 3 वर्ष के पौधे के लिए 25 किग्रा सड़ी हुई गोबर खाद या कंपोस्ट खाद उसके साथ 3 से 5 किलो नीम की खली और 200 ग्राम ट्राइकोडरमा पाउडर को मिलाकर तैयार करें फिर उसे नींबू के पौधे के चारो तरफ गोलाकार घेरे में तने के कुछ दूर दें।

रासायनिक खाद :
100 ग्राम यूरिया+ 400 सुपर फॉस्फेट + 250  म्यूटरेट ऑफ पोटाश को प्रति पौधे के हिसाब से वर्ष में एक बार  जुलाई से लेकर अक्टूबर के महीने तक लगा दे।

नीबूं पर नही आ रहे फल तो क्या करें नीबूं पर नही आ रहे फल तो क्या करें Reviewed by homegardennet.com on अगस्त 20, 2022 Rating: 5

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