बरसात के मौसम में बहुत अच्छी सब्जियां उगाई जा सकती हैं।इसके लिए बस आपको उन्हें उगाने की सही जानकारी होनी चाहिए। खुद के द्वारा लगाई गई सब्जियों को खाने का अलग ही आनंद है। घर पर सब्जियां उगाने से कई फायदे हैं। हमें ताजी पौष्टिक सब्जियां खाने को मिलती रहती हैं। बागवानी करने का अलग से आनंद आता है। हमारे बच्चों में भी बागवानी की नई रुचि जागृत होती है और पर्यावरण में भी सुधार होने लगता है। आज बात करेंगे बरसाती सीजन में उगाई जाने वाली सब्जियों की ।सामान्यतः घर के बगीचे में सब्जियां उगाते समय सबसे जरूरी चीज है कि आपको सब्जियां उगाने का सही समय मालूम होना चाहिए। उत्तर भारत की बात की जाए तो जून के आखिरी सप्ताह में बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। इस समय लगभग पूरे उत्तर भारत में मानसूनी बारिश होने लगती है। और यही सही समय होता है कि आप अपने घर के बगीचे में बरसाती सीजन की सब्जियां लगा दें।
बरसात में उगाई जाने वाली सब्जियां- ( rainy vegetables)
मौसम के अनुसार अलग-अलग जगह पर अनेकों तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं। यहां हम उत्तर भारत की बात कर रहे हैं जहां पर जून जुलाई के महीने में मानसूनी बारिश होने लगती है।बरसात का मौसम आने पर बेलदार सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती है। जिन्हें हम मचान बनाकर और अच्छे तरीके से उगा सकते हैं।
कौन सी सब्जियां लगाएं
1- बेलदार (लता) सब्जियां -
ऐसी सब्जियां जो लंबी लंबी लता वाली होती है जिन्हें हम लकड़ी या रस्सी की सहायता से क्लाइंब करके उगा सकते हैं बेलदार सब्जियां कहते हैं बरसात के मौसम में बेलदार सब्जियां बड़ी तेजी से वृद्धि करती हैं क्योंकि वृद्धि करने के लिए अनुकूल मौसम हो जाता है इनमें से प्रमुख सब्जियां निम्न है
सेम,करेला ,तोरई, लौकी,परवल,कद्दू, आदि
सेम -
सेम बहुत ज्यादा पसंद की जाने वाली सब्जी है। इसे बीज से उगायें जाता है। उत्तर भारत में इसे उगाने का सबसे अच्छा समय जून से लेकर अगस्त का महीना है। सेम के बीजों में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन होती है। जिन्हें उबालकर भी खाया जाता है सेम लगाते समय अच्छी किस्म के बीजों का चयन करना चाहिए ।आजकल हाइब्रिड किस्म के बीज भी बाजार में उपलब्ध है जिन पर बहुत जल्दी फलियां आ जाती हैं। लेकिन लंबे समय तक उत्पादन लेने के लिए आपको देसी किस्म की सेम का प्रयोग करना चाहिए।
गमले का साइज - सेम को घर की छत पर गमले मेें भी उगायें जा सकता है।
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करेला ( bitter Gourd )
बरसात के मौसम में उगाने के लिए करेला के अलग किस्म के बीज आते हैं। ज्यादातर लोग मार्च -अप्रैल में उगाए जाने वाले करेला के बीजों को ही बरसात के सीजन में लगा देते हैं। जिससे उन पौधों पर छोटे-छोटे फल आने लगते हैं या फल ही नहीं आते इसका कारण यही होता है कि आप बरसात के मौसम में उगाये जाने वाले बीजों को नहीं लगाते। इसलिए अब जब भी बरसात के मौसम में करेला की सब्जी उगाए तो बरसाती सीजन के बीज लगाने की कोशिश करें।
बरसाती करेला का आकार लंबा होता है लेकिन यह थोडा पतला होता है। इसे करेली भी बोला जाता है। करेला को उगाने के लिये मचान या रस्सियों के जाल का उपयोग करें जिससे करेला के पौधे उन पर चढ़ जाये। अगर आप रस्सी का उपयोग करेगें तो आपको ज्यादा करेला मिलेगा और करेला सड़ेगा भी नही।
गमला -
करेले को गमले में उगाने के लिए बड़े आकार का गमला प्रयोग करना होता है। अगर आप करेले को छत पर उगाने चाहते हैं। तो इसके लिए ग्रो बैग यूज करें। grow bag वजन में काफी हल्के और दिखने में सुंदर होते हैं। इसमें कोई भी सब्जी बड़ी आसानी से उगाई जा सकती है।
करेला के लिये 12×12 15×12 का grow bag सही रहते है। आप बड़ गमले में भी करेला लगा सकते है।
आप अच्छे किस्म के बीजों से अन्य सब्जियां जैसे तुरई, परवल,कद्दू आदि भी ऐसे ही उगा सकते है। बस सब्जियां उगाते समय अच्छी किस्म के बीज उगाने की कोशिश करें। बीज ज्यादा पुराने भी नही होने चाहिये। वर्ना उगाने से पहले सड़कर खराब हो जायेंगे।
बरसात में उगाई जाने वाली सब्जियां-
बैंगन, मिर्च, टमाटर, धनियां, मूली, पालक, चौलाई, आदि
सब्जियों को उगाने का सही समय पता ना होने पर हमारे द्वारा उगाई सब्जियों पर फल ही नही आते। जैसे मिर्च,टमाटर आदि को लोग गर्मियों में भी लगा देते है लेकिन उन पर अच्छे फल नही आते। इसलिये सब्जियों को हमेशा मौसम के अनुसार ही उगाए।
बैंगन (Eggplant)
बैंगन एक सदाबहार सब्जी है जो लगभग पूरे साल ही उगाई जाती है। गर्मी के मौसम के लिए ऐसे मार्च-अप्रैल में लगाया जाता है। और सर्दियों के लिए बरसात की शुरूआत होते ही इसके बीज बो दिये जाते है। जून के आखिरी सप्ताह बीज लगा दें। और जुलाई में बैंगन के पौधे आरोपित कर दें। तो सितंबर अक्टूबर में पौधों पर फल की शुरूआत हो जाती है। बैंगन को बीज से उगायें जाता है। अच्छी वैरायटी का बीज लेकर गमले या जमीन पर लगा दे 10 15 दिन में बैगन के छोटे-छोटे पौधे दूसरी जगह लगाए जाने के लिए तैयार हो जाते हैं। जब पौधे तैयार हो जाए तो बैंगन के छोटे पौधों को अलग-अलग गमलों या जमीन पर रोपित कर दे ।उसके बाद निराई गुड़ाई करते हुए महीने में दो बार कोई भी ऑर्गेनिक खाद देते रहें 40 से 60 दिन बाद बैगन पर फल आने की शुरुआत हो जाती है।
बैंगन के लिये गमले का साइज -
बैंगन को ज्यादा बड़े गमले की जरूरत नही होती। 8-12" का गमला या ग्रो बैग बैंगन उगाने के लिये सही रहता है। बैंगन एक सीजनल सब्जी है। हर साल बैंगन के नये पौधे ही लगाने चाहिये।
मिर्च उगाने की जानकारी
मिर्च भी साल में दो सीजन उगाई जाती है। गर्मी का सीजन और सर्दी का सीजन , गर्मी के सीजन के लिये हम फरवरी-मार्च में मिर्च के तैयार पौधे गमले या जमीन पर लगा देते हैं। सर्दी के सीजन के लिये मिर्च का बीज जून के अन्तिम सप्ताह या जुलाई के दूसरे सप्ताह तक लगा देना चाहिये।
मिर्च का अच्छा बीज -
अगर आप मिर्च के पौधों से अच्छी मात्रा में सही मिर्च का उत्पादन लेना चाहते हैं । तो मिखर्च उगाते समय हमेशा अच्छी किस्म के मिर्च का बीज प्रयोग करें। बाजार में संकर प्रजाति( Hybreed) के बीज बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। इसलिए उच्च वैरायटी के बीज से ही मिर्च उगायें। घर की वेश्या बाजार से लाई गई सूखी मिर्च का बीज ज्यादा अच्छा नहीं होता है घरेलू बीजों को लगाने की कोशिश ना करें। उन पर अच्छी मिर्च नही आयेगी।
मिर्च के लिये गमले का साइज -
मिर्च का भी आकार ज्यादा बड़ा नहीं होता इसलिए इसे सामान्य आकार के गमले में आसानी से उगाया जा सकता है। मिर्च के लिए 8 से 12 इंच का गमला या ग्रो बैग सही हैं आप इनमें मिर्च आसानी से उगा पायेंगे।
टमाटर ( tomato)
टमाटर मुख्यतः सर्दियों की फसल है आजकल गर्मियों में भी यह उगाया जाता है। लेकिन अगर आप कम मेहनत में अच्छा टमाटर उगाना चाहते हैं। तो जुलाई में टमाटर के बीज को लगाकर छोटे-छोटे पौधे तैयार कर लें। सितम्बर तक टमाटर को गमलों या जमीन पर आरोपित कर दें। जमीन में लगाने के 30-40 दिन में टमाटर पर फल आना शुरू हो जाता है।
टमाटर का बीज -
इस समय सब्जियों के दो तरह के बीज बाजार में उपलब्ध हैं। एक देशी परम्परागत बीज जो कि स्वाद में काफी अच्छा होता है। आसानी से ग्रो हो जाता है। देशी टमाटर पर बीमारियां भी कम आती है। दूसरे संकर किस्म के बीज ( Hybreed seed) जो बहुत जल्दी फल देने लगते है। इन बीजों से उगाये टमाटर पर अधिक मात्रा में फल आते है। लेकिन यह खाने में देशी टमाटर जैसा स्वादिष्ट नही होता। इसके बीज भी मंहगे आते है।
बरसात में सब्जियां उगाने की सावधानियां-
■ बरसात के मौसम में हमेशा उच्च किस्म के बीजों से ही सब्जियां उगायें जिससे पौधों पर जल्दी फल आ सकें।
■ बरसाती सब्जियां उगायें समय मिट्टी भुरभुरी बनाये जिससे ज्यादा बारिश होने पर पौधों से अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल जाये।
■बरसात में गमलों को जमीन से थोड़ा ऊंचा रखें। जिससे पौधो को हवा आसानी से मिलती रहे। गमलों के नीचे के छेद भी बंद नही होगें और उनसे अतिरिक्त पानी भी बाहर निकल जायेगा।
■ बरसात में सब्जियों के बीज उगायें समय मिट्टी में फंगसरोधी दवा जरूर मिलायें
■ बरसाती सीजन में सब्जियों में ज्यादा पानी ना दें अधिक पानी होने पर सब्जियां ग्रो होने से पहले ही सड़ जाएंगीं।
■ छत पर अगर गमलों में सब्जियां उगाई है तो महीने एक दो बार गमलों की जगह बदल दें।
बरसाती सब्जियां, जुलाई में उगाई जाने वाली सब्जियां
Reviewed by homegardennet.com
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जून 22, 2020
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