नमस्कार दोस्तो
उत्तर भारत में जनवरी के बाद सर्दियों का आखिरक समय होता है।और इस समत आप अपने बगीचे में अच्छी अच्छी सब्जियां उगा सकते हैं। आज बात करेगें फरवरी में लगाई जाने वाली सब्जियों के बारें में ऐसे सब्जियां जो आआनी से लगाई जि सकती है। अगर आप gardening करना पसंद करते हैं तो आपको अपने बगीचे में सब्जियां जरूर उगानी चाहिये।फरवरी का महीना सबस अच्छा महीना है सब्जियां लगाने के लिये। आज हम आपको विस्तार से जानकारी देगें कि आप फरवरी महीने में कौन-2 सी सब्जी उगा सकेगें।
उत्तर भारत में जनवरी के बाद सर्दियों का आखिरक समय होता है।और इस समत आप अपने बगीचे में अच्छी अच्छी सब्जियां उगा सकते हैं। आज बात करेगें फरवरी में लगाई जाने वाली सब्जियों के बारें में ऐसे सब्जियां जो आआनी से लगाई जि सकती है। अगर आप gardening करना पसंद करते हैं तो आपको अपने बगीचे में सब्जियां जरूर उगानी चाहिये।फरवरी का महीना सबस अच्छा महीना है सब्जियां लगाने के लिये। आज हम आपको विस्तार से जानकारी देगें कि आप फरवरी महीने में कौन-2 सी सब्जी उगा सकेगें।
फरवरी में उगाई जाने वाली सबसे अच्छी सब्जियां -
भिन्डी,करेला,कद्दू,लौकी,तोरई,परवल,टिन्डा,प्याज,खीरा,बैंगन,धनियां,मूली,ग्वारफली,
बीज कौन सा सही है ?
फरवरी के महीने में बहुत सारी सब्जियां लगाई जाती हैं अगर आप भी घर पर सब्जियां उगाना चाहते हैं तो यह महीना आपके लिए सबसे अच्छा महीना है बगीचे में अच्छी सब्जियां उगाने के लिए अच्छे बीज होने चाहिए। सामान्यतः बागवानी में 2 तरीके के बीजों का प्रयोग किया जाता है। देसी बीज, हाइब्रिड या संकर किस्म का बीज।
फरवरी के महीने में बहुत सारी सब्जियां लगाई जाती हैं अगर आप भी घर पर सब्जियां उगाना चाहते हैं तो यह महीना आपके लिए सबसे अच्छा महीना है बगीचे में अच्छी सब्जियां उगाने के लिए अच्छे बीज होने चाहिए। सामान्यतः बागवानी में 2 तरीके के बीजों का प्रयोग किया जाता है। देसी बीज, हाइब्रिड या संकर किस्म का बीज।
देशी बीज - देशी बीज से तात्पर्य हमारे पारंपरिक बीजों से है। देशी बीज से उगाई गयी सब्जियां से उत्पादन कम होता है। लेकिन इनसे प्राप्त सब्जियां काफी पौष्टिक और स्वाद में काफी अच्छक होती है अगर आप कुछ बढ़िया चीज खाना चाहते हैं तो हमेशा देशी बीज से सब्जियां उगाने की कोशिश करें।
देशी सब्जियों के फायदे -
● यह सब्जियां खाने में अधिक स्वादिष्ट एवं अधिक पौषक तत्वों से युक्त होती हैं।
● देशी सब्जियों को पकाकर बीज तैयार किये जा सकते है। जो कि अगले में मौसम में पुनः उगाये जा सकते है। सबकि हाइब्रीड बीज सिर्फ एक बार ही उगाये जा सकते हैं।
● देशी सब्जियां रोग प्रतिरोधक होती हैं इन पर बीमारियों का कम प्रकोप होता है एवं कठिन मौसम में भी यह आसानी से फल देती रहती है। कम पानी कम धूप में भी इनसे सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं।
● देशी सब्जियां हार्डी होती हैं आसानी से ग्रो हो जाती हैं किसी भी तरह की मिट्टी में इन्हें उगाया जा सकता है साधारण खाद का प्रयोग करने पर भी यह अच्छा फल देती हैं।
● देशी सब्जियों का बीज सस्ता मिलता है। एवं आप घर पर भी इनका बीज पका कर आगामी वर्ष के लिये तैयार कर सकते हैं।
● देशी सब्जियों को पकाकर बीज तैयार किये जा सकते है। जो कि अगले में मौसम में पुनः उगाये जा सकते है। सबकि हाइब्रीड बीज सिर्फ एक बार ही उगाये जा सकते हैं।
● देशी सब्जियां रोग प्रतिरोधक होती हैं इन पर बीमारियों का कम प्रकोप होता है एवं कठिन मौसम में भी यह आसानी से फल देती रहती है। कम पानी कम धूप में भी इनसे सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं।
● देशी सब्जियां हार्डी होती हैं आसानी से ग्रो हो जाती हैं किसी भी तरह की मिट्टी में इन्हें उगाया जा सकता है साधारण खाद का प्रयोग करने पर भी यह अच्छा फल देती हैं।
● देशी सब्जियों का बीज सस्ता मिलता है। एवं आप घर पर भी इनका बीज पका कर आगामी वर्ष के लिये तैयार कर सकते हैं।
संकर बीज ( हाईब्रीड बीज )
● आधुनिक तकनीकों से नए नए बीज तैयार किए गए हैं संकर बीजों से उगाई गई सब्जियों का उत्पादन देसी सब्जियों के मुकाबले अधिक होता है। हाइब्रिड बीज देसी बीजों से महंगे आते हैं लेकिन यह आसानी से अंकुरित हो जाते हैं।
● अगर आप व्यापारिक फसल उगा रहे हैं तो फिर संकर किस्म के बीजों का ही चयन करें इनसे बहुत जल्दी सब्जियों के पौधे तैयार होते हैं तैयार पौधों पर बहुत जल्दी सब्जियां भी आ जाती हैं आजकल खेती में संकर बीजों का प्रयोग काफी बढ़ गया है।
● अगर आप व्यापारिक फसल उगा रहे हैं तो फिर संकर किस्म के बीजों का ही चयन करें इनसे बहुत जल्दी सब्जियों के पौधे तैयार होते हैं तैयार पौधों पर बहुत जल्दी सब्जियां भी आ जाती हैं आजकल खेती में संकर बीजों का प्रयोग काफी बढ़ गया है।
● छत पर या बागवानी में गमलों में सब्जियां उगाने के लिए संकर किस्म के बीजों का प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह भी बहुत जल्दी सब्जियां तैयार करते हैं और उन पर सब्जियां भी काफी तेजी से आती हैं
उपरोक्त बातों से यह निर्णय लिया जा सकता है कि अगर आप अच्छी सब्जियां खाना पसंद करते हैं और आपके पास जमीन है तो आप देसी किस्म की सब्जियां उगा सकते हैं इसके अलावा छत पर या गमलों में सब्जियां उगाने की सोच रहे हैं तो फिर हाइब्रिड संकर किस्म के बीजों का चयन करें, जिससे आपके बगीचे में सब्जियां आसानी से प्राप्त हो सके।
बीज कब लगायें -
उत्तर भारत में जनवरी की सर्दी के बाद फरवरी के महीने में मौसम गर्म होने लगता है जब अधिकतम तापमान 25 डिग्री से अधिक हो जाए उस समय आप सब्जियों के बीच लगा सकते हैं। मौसम ठंडा होने पर लगाए गए बीज अंकुरित नहीं होंगे इसलिए कोशिश करें कि फरवरी के द्वितीय सप्ताह के बाद ही सब्जियों के बीज लगाएं। जिससे आप के बगीचे में सब्जियों के बीज आसानी से अंकुरित हो सके। सब्जियों के बीज लगाते समय अच्छी किस्म के बीजों का चयन करें। बीज स्वस्थ होने चाहिए सड़े या बीमारियों युक्त ना हो।
उत्तर भारत में जनवरी की सर्दी के बाद फरवरी के महीने में मौसम गर्म होने लगता है जब अधिकतम तापमान 25 डिग्री से अधिक हो जाए उस समय आप सब्जियों के बीच लगा सकते हैं। मौसम ठंडा होने पर लगाए गए बीज अंकुरित नहीं होंगे इसलिए कोशिश करें कि फरवरी के द्वितीय सप्ताह के बाद ही सब्जियों के बीज लगाएं। जिससे आप के बगीचे में सब्जियों के बीज आसानी से अंकुरित हो सके। सब्जियों के बीज लगाते समय अच्छी किस्म के बीजों का चयन करें। बीज स्वस्थ होने चाहिए सड़े या बीमारियों युक्त ना हो।
मिट्टी का चयन -
सर्दियों में सब्जियों के बीज लगाने के लिए जो मिट्टी आप तैयार करें वह और उर्वरक होने के साथ-साथ भुरभुरी भी होनी चाहिए। क्योंकि सर्दियों के मौसम के बाद हमारे यहां गर्मी बढ़ जाती है।अगर मिट्टी भुरभुरी नहीं होगी तो पानी जाम हो जाएगा जिससे सब्जियों की ग्रोथ रुक जाएगी और सब्जियों के छोटे पौधे सड़ कर मर भी सकते हैं।इसलिए मिट्टी को भुरभरी बनायें।
सर्दियों में सब्जियों के बीज लगाने के लिए जो मिट्टी आप तैयार करें वह और उर्वरक होने के साथ-साथ भुरभुरी भी होनी चाहिए। क्योंकि सर्दियों के मौसम के बाद हमारे यहां गर्मी बढ़ जाती है।अगर मिट्टी भुरभुरी नहीं होगी तो पानी जाम हो जाएगा जिससे सब्जियों की ग्रोथ रुक जाएगी और सब्जियों के छोटे पौधे सड़ कर मर भी सकते हैं।इसलिए मिट्टी को भुरभरी बनायें।
गमलों के लिये मिट्टी खाद का अनुपात -
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साधारम बगीचे की मिट्टी - 50%
गोबर या कम्पोस्ट खाद - 30%
रेत या कोकोपीट - 20%
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साधारम बगीचे की मिट्टी - 50%
गोबर या कम्पोस्ट खाद - 30%
रेत या कोकोपीट - 20%
जमीन पर सब्जियां उगाते समय गोबर खाद का अधिक प्रयोग करें इससे मिट्टी उर्वरक होने के साथ-2 भुरभुरी भी हो जायेगी।अगर आपके खेत में चिकनी मिट्टी अधिक है तो उसमें रेतीली मिट्टी भी मिक्स कर लें।
भिन्डी -
पौधे से पौधे की दूरी - 2-3 इंच
मिट्टी में अधिकतम एक इंच गहरा लगायें उससे ज्यादा नही।
बीज लगाते समय नही होनी चाहिये।जिससे बीज लगाने के बाद तुरन्त पानी ना देना पड़े।मिट्टी की नमी से उगाये गये भिन्डी के पौधे ज्यादा मजबूत होते है।अगर आनी पानी देकर बीज उगायेगे तो पौधे कमजोर तैयार होगें।
मिट्टी में अधिकतम एक इंच गहरा लगायें उससे ज्यादा नही।
बीज लगाते समय नही होनी चाहिये।जिससे बीज लगाने के बाद तुरन्त पानी ना देना पड़े।मिट्टी की नमी से उगाये गये भिन्डी के पौधे ज्यादा मजबूत होते है।अगर आनी पानी देकर बीज उगायेगे तो पौधे कमजोर तैयार होगें।
बैंगन -
पौधे पौधे की दूरी 3 फिट
बैंगन के बीजों से पहले सीडविंग तैयार की जाती है। फरवरी में बीज लगाने के 15-25 दिन में बैंगन के छोटे-2 पौधे तैयार हो जायेगे।जब यह छोटे पौधे 4-4 पत्तियों के हो जाये ( 3-5 इंच )तब इन्है खेत या गमलों में लगाया जा सकता है।
बैगन भी कई तरह का आता है उनमें से लंबा बैगन और गोल बैगन खासा फेमस है। गर्मियों में लंबा बैगन आसानी से सर्वाइव कर जाता है लेकिन गोल बैगन खाने में अधिक स्वादिष्ट होता है इसलिए गोल बैगन के बीज लगाने की कोशिश करें।
बैंगन के बीजों से पहले सीडविंग तैयार की जाती है। फरवरी में बीज लगाने के 15-25 दिन में बैंगन के छोटे-2 पौधे तैयार हो जायेगे।जब यह छोटे पौधे 4-4 पत्तियों के हो जाये ( 3-5 इंच )तब इन्है खेत या गमलों में लगाया जा सकता है।
बैगन भी कई तरह का आता है उनमें से लंबा बैगन और गोल बैगन खासा फेमस है। गर्मियों में लंबा बैगन आसानी से सर्वाइव कर जाता है लेकिन गोल बैगन खाने में अधिक स्वादिष्ट होता है इसलिए गोल बैगन के बीज लगाने की कोशिश करें।
लौकी -
पौधै से पौधै की दूरी 2-4 फिट ( 14 इंच के पौधे में अधिकतम 2 पौधे काफी है )
गर्मियों में लौकी की सब्जी खासी फेमस है अच्छे किस्म के लौकी के बीजों का चयन करके फरवरी के महीने में लगा दें बीज लगाते समय ध्यान रखें कि मिट्टी मैंने ज्यादा गहरा ना लगाएं ज्यादा गहरा बीज लगाने पर बीज अंकुरित होने से पहले ही सड़कर मर जाएगा।लौकी की बेल को किसी रस्सी या लकङी पर चढ़ा दे इस प्रकार उस पर अधिक लौकी आयेगी और वह खराब भी नही होगी ।
गर्मियों में लौकी की सब्जी खासी फेमस है अच्छे किस्म के लौकी के बीजों का चयन करके फरवरी के महीने में लगा दें बीज लगाते समय ध्यान रखें कि मिट्टी मैंने ज्यादा गहरा ना लगाएं ज्यादा गहरा बीज लगाने पर बीज अंकुरित होने से पहले ही सड़कर मर जाएगा।लौकी की बेल को किसी रस्सी या लकङी पर चढ़ा दे इस प्रकार उस पर अधिक लौकी आयेगी और वह खराब भी नही होगी ।
तोरई - लौकी के तरीके से ही तोरई भी लगाई जाती है।बेलदार जितनी भी सब्जियां है उन्है इसी तरीके से उगायें जैसे खरबूजा,खीरा,तरबूज,ककङी।
which Vegetables grow in february { hindi }
Reviewed by homegardennet.com
on
फ़रवरी 02, 2020
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