how to make compost at home in hindi

नमस्कार दोस्तो !
आज हम घर पर कम्पोस्ड खाद बनाना बतायेगे । अगर आप थोड़ी मेहनत कर सकते है तो फिर आप घर पर आसानी से अच्छी क्वालिटी की कम्पोस्ड खाद बना सकेगें। आर्गनिक खाद पौधों के लिये काफी फायदेमंद होती है।जैविक खाद के प्रयोग से मृदा को कोई नुकसान नही होता और पौधे भी स्वस्थ रहते हैं। गांव में जैविक खाद आसानी से मिल जाती है लेकिन शहरों में अच्छी क्वालिटी की जैविक खाद मिलना कठिन काम है इसलिए आज हम आपको घर पर ही कम्पोस्ड खाद बनाने की पूरी जानकारी देगें।
कम्पोस्ड खाद -
पेड़ पौधों के अवशेष, पशुओं का गोबर,मानव मल, घर का कूड़ा- करकट, रसोई का कचरा( सब्जियों ,फल आदि के अवशेष) आदि को जीवाणुओं ध्दारा विघटित करके खाद में बदल दिया जाता है। उस तैयार खाद को ही कम्पोस्ड खाद कहे हैं। कंपोस्ट खाद बनाने में जीवाणुओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है इसके अलावा नमी दबाव एवं गर्मी की मात्रा का भी कंपोस्ट खाद की क्वालिटी पर फर्क पड़ता है ।आज हम घर पर कंपोस्ट खाद बनाना बताएंगे। जिससे आप अपने बगीचे के लिए बढ़िया क्वालिटी की कंपोस्ट खाद घर पर ही बड़ी आसानी से बना सकेंगे।
अच्छी कम्पोस्ड खाद की पहिचान -
1- बढ़िया किस्म की कम्पोस्ड खाद में से स्मैल ( बदबू ) नही आती । अगर आपकी कम्पोस्ड खाद अच्छे तरीके से तैयार हो गयी है तो उसमें किसी भी तरीके की बदबू नही आयेगी। अनकम्पोस्ड खाद में बदबू आती है। अनकम्पोस्ड खाद को पौधों प्रयोग नही करना चाहिये।
2- कम्पोस्ड खाद अच्छे तरीके से तैयार होने पर हल्की हो जाती है। जब आप इसे उठाकर देखेगें तो यह सामान्यतः वजन में हल्की होती है।
3- अच्छी कम्पोस्ड खाद का रंग चोकलेटी या हल्के काले -धूसय रंग का हो जाता है। धूप में सूखने के बाद भी इसका रंग हल्का नही पड़ता।
4- फुली कम्पोस्ड खाद हाथ में पकड़ने पर भुरभुरी और हल्की महसूस होती है। अगर आप सही तरीके से कंपोस्ट खाद बनाएंगे तो यह काफी हल्की और भुरभुरी बनकर तैयार होगी।
कम्पोस्ड खाद बनाने का तरीका -
कंपोस्ट खाद बनाने के बहुत सारे तरीके प्रचलन में हैं जैसे-
साधारण तरीका -
आधुनिक तरीका-
साधारण तरीका  - यह पुराना तरीका है जो काफी लंबे समय से प्रयोग किया जा रहा है इस तरीके में कंपोस्ट खाद बनाने के लिए जमीन का प्रयोग किया जाता है। सबसे पहले जमीन में एक बड़ा गड्ढा तैयार करके उसके अंदर घास फूस ,गोबर ,सब्जियों के छिलके ,आदि को भर दिया जाता है और गड्ढे को ऊपर से मिट्टी से बंद करके छोड़ देते हैं । 4 से लेकर 6 महीने बाद उस गड्ढे में कंपोस्ट खाद बन जाती है । इस तरीके से तैयार कंपोस्ट खाद भी उतनी ही अच्छी होती है जितनी नए तरीके से बनी कंपोस्ट खाद।
नोट- ज्यादा बड़े स्तर पर कम्पोस्ड खाद बनाने के लिये इस तरीके का प्रयोग किया जाता है।
विधि -
सबसे पहले जमीन में अपनी आवश्यकता के अनुसार आयताकर या चौकोर गड्डा तैयार किया जाता है। गड्डे की लंबाई 6 से लेकर 25 फिट तक और गहराई 3-10 फिट तक हो सकती है। चौड़ाई 6- 10 फिट तक रखी जाती है। गड्डे का आकार जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा किया जा सकता है। गड्डा तैयार होने पर गड्डे में गोबर , पेड़ पौधों की पत्तियां , सब्जियां, कूड़ा- करकट आदि के मिश्रण को भरा जाता है। सबसे नीचे 2 इंच मोटी मिट्टी की तह लगाई जाती है। उसके बाद कूड़े करकट की एक मोटी तह फिर उसके ऊपर गोबर की एक तह इसी तरह एक के बाद एक तह लगाते जाते है आखिर में गड्डे के ऊपर मिट्टी की मोटी तह लगा दी जाती है। आखिरी तह के बाद पानी का छिड़काव करना होता है। इस तरह तैयार गड्डे के ऊपर हर सप्ताह थोड़ा थोड़ा पानी का छिड़काव कर नमी बनाकर रखी जाती है। 3-4 महीने बाद पानी का छिड़काव कम।कर दिया जाता है।5 वे महीने के आखिर में पानी का छिड़काव बन्द कर देते हैं। 6 महीने बाद आपके गड्डे में बढ़िया कम्पोस्ट बनकर तैयार हो जाती है। तैयार कम्पोड को निकालकर छान लिया जाता है। छानने के बाद जो अनकम्पोस्ड कचरा बचता है उसे दुबारा कम्पोस्ड बनाने के काम में ले लिया जाता है।

सावधानियां -
■ गड्डे में पाॅलिथीन,कंकड,पत्थर आदि ना डालें। अगर कचरे में कंकड़ पत्थर या पॉलिथीन आदि रहेगा तो तैयार कंपोस्ट खाद में दुबारा से छान कर इन्हें निकालना पड़ेगा।जिससे समय की बर्बादी होगी इसलिए गड्ढे में कूड़ा करकट डालते समय इन चीजों को निकाल देना चाहिए। इसके अलावा कचरे की तह बनाते समय कचरा एक समान मात्रा फैलायें। जिससे तैयार परत एक समान मोटी रहे।
■ कचरे में 10-20% सूखा कचरा ( पत्तियां, पुआल) भी प्रयोग करना चाहिये। कंपोस्ट बनाते समय सूखा कचरा प्रयोग करने से भुरभुरी कंपोस्ट खाद तैयार होती है। इसके अलावा उसमें बैक्टीरिया काफी तेजी से पनपते हैं। जो अच्छी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए बहुत जरूरी हैं।
■ गड्डे की ऊपरी परत को मोटा बनाना चाहिये।आप चाहे तो गड्डे की ऊपरी परत को गोबर से लीप दें। ऊपरी परत मजबूत होने पर कम्पोस्ड बनने की प्रक्रिया सही रहती है। मोटी परत होने पर गड्ढे के अंदर जरूरी तापमान एवं दबाव बन जाता है। जिससे कंपोस्ट बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और हमें अच्छे किस्म की कंपोस्ट खाद मिलती है।
■ कम्पोस्ट खाद बनाते समय अगर बारिश का मौसम है तो गड्डे के चारो तरफ मेंढ़ (दीवार) बना दे जिससे बारिश का पानी गड्डे में ना आ सके।अधिक पानी आने से कम्पोस्ट खराब हो सकती है ।साथ ही साथ समय भी अधिक लग सकता है।

घर पर कम्पोस्ट बनाने के लिये -
अगर आप बागवानी करते हैं तो पौधों में फर्टिलाइजर देने के लिए समय-समय पर आपको कंपोस्ट की जरूरत पड़ती ही रहती होगी। घर पर कंपोस्ट बनाना बहुत ही आसान है शहर हो या गांव अगर आपके पास जमीन में गड्ढा नहीं है।तब भी आप कंपोस्ट खाद आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए आपको किसी प्लास्टिक की बाल्टी या प्लास्टिक के ड्रम का प्रयोग करना होगा ।जिस तरीके से हम गड्ढे में क्रम वाइज मिट्टी और कचरा भरते है। ठीक वैसे ही बाल्टी में क्रम से मिट्टी और कचरा भर देंगे 3 से लेकर 6 महीने बाद बाल्टी से बहुत ही अच्छी कंपोस्ट खाद बनकर तैयार होगी। अगर आप चाहते हैं कि आपके यहां अच्छी खाद तैयार हो तो बड़ी बाल्टी का प्रयोग करें। और समय से कूड़े पर पानी का छिड़काव करते रहें।
यह video देखकर आप घर आसानी से कम्पोस्ट बना सकेगे।
सावधानियां -
■ खाद बनाने के लिये मजबूत और बड़ी बाल्टी का उपयोग कीजिये जिससे ज्यादा मात्रा में खाद बनाई जा सके।
■ इस प्रक्रिया में दाब विधि से कम्पोस्ट बनाई जाती है।इसलिये बाल्टी में छेद ना करें।
■ कम्पोस्ट बनने की प्रक्रिया में तापमान का अहम योगदान होता है। शुरू के 10-20 दिन तक बाल्टी को छाया में रखे उसके बाद ऐसी जगह जहां पर हल्की धूप - छाया रहती हो।इससे जल्दी कम्पोस्ट बन जायेगी।
■ अच्छी क्वालिटी की खाद प्राप्त करने के लिये 3-6 महीने का इन्तजार करें।
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how to make compost at home in hindi how to make compost at home in hindi Reviewed by homegardennet.com on जनवरी 30, 2020 Rating: 5

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