बरसात के मौसम के बाद बगीचे की देखरेख करना बहुत जरूरी हो जाता है । खाशकर फलदार पौधों के बगीचे को क्योंकि बरसात के मौसम के बाद फलदार पौधों पर फल आने की तैयारी होती है और अगर इस मौसम में पौधों की सही तरीके से देखरेख ना की जाए तो फिर आपको अच्छे फल नहीं मिलेंगे आज हम आपको बताने वाले हैं कि बरसात के मौसम के बाद फलदार पौधों की देखरेख कैसे की जाए और क्या सावधानियां रखी जाए जिससे हमें अगले मौसम में अपने पौधों से अच्छे फल मिल सके
गुड़ाई-
सितंबर के बाद आप अपने सभी फलदार पौधों की मिट्टी की गुड़ाई कर दें गुड़ाई करने से पौधों को आवश्यक धूप हवा और गर्मी मिल जाएगी ।इसके अलावा फलदार पौधों के तनों को चूने के पानी से पेन्ट कर दें जिससे हानिकारक कीड़े पौधे के ऊपरी शाखाओं तक नहीं चढ़ पाएंगे कोई पौधों पर साधारण किस्म का कीटनाशक का छिड़काव कर दिया जाए जिससे फलदार पौधों के फूलों पर लगने वाला कवक जनित रोग ना लगे था ।
खाद-
बरसात के मौसम के बाद फलदार पौधों को खाद की विशेष जरूरत होती है। 5 से 10 वर्ष के फलदार पौधों में 5 किलो से लेकर 7 किलो तक गोबर खाद ,सौ ग्राम सुपर फास्फेट खाद और 20 से 30 ग्राम यूरिया दी जा सकती है। आप सभी को सलाह है कि आप अपने पौधों में रासायनिक खाद कम से कम प्रयोग करें क्योंकि रासायनिक खाद की मात्रा थोड़ी सी भी ज्यादा होने पर आप के पौधे के जल जाने का खतरा हो सकता है ।खाद देने के 24 से 48 घंटे बाद पौधे में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए।
बीमारियां की रोकथाम-
फलदार पौधों में बरसात के बाद बहुत सादी बीमारियों का प्रकोप होता है ।जिसमें फूल खराब होने की बीमारी प्रमुख बीमारी है।इस बीमारी को रोकने के लिये आपको कुछ सावधानियां रखनी होगी।
● पौधों पर चींटियां आदि ना होने पायें क्योकिं चीटिंया बीमारियों के कीटाणुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाती हैं।यह बीमारी को एक शाखा से दूसरी शाखा और फिर दूसरे पौधे तक फैला देती हैं।
● फलदार पौधों की अतिरिक्त शाखाओं को काटते रहना चाहिये क्योकि ज्यादा शाखा होने पर पौधे पर फलों का विकास नही होता।फलों का आकार छोटा रह जाता है। ज्यादा शाखा होने पर बगीचे में भरपूर धूप नही आ पाती उससे भी पौधों का सही विकास नही होता।
● सफाई फलदार पौधों के नीचे साफ-सफाई रखना भी जरूरी है। जड़ो के नीचे सफाई ना होने पर सिचाईं करते समय परेशानी होती है।खाद देते समय खाद का पूरा लाभ पौधों को नही मिल पाता।
सिंचाई-
फलदार पौधों की सिचाईं बहुत आवश्यक है।पौधों पर अच्छा फूल आने के लिये जरूरी है कि पौधों की जड़ो का सही विकास हो। पानी की कमी होने पर पौधे की शाखाओं का विकास रूक जाता है।जिससे फूल कम आता है।फूल कम आने पर फलों का उत्पादन भी कम हो जाता है। मौसम गर्म होने पर 15 दिनों में एक बार सिंचाई और मौसम के ठण्ठा होने पर 20-30 दिनों में एक सिचाईं कर देनी चाहिये।
फलदार पौधों की सिचाईं बहुत आवश्यक है।पौधों पर अच्छा फूल आने के लिये जरूरी है कि पौधों की जड़ो का सही विकास हो। पानी की कमी होने पर पौधे की शाखाओं का विकास रूक जाता है।जिससे फूल कम आता है।फूल कम आने पर फलों का उत्पादन भी कम हो जाता है। मौसम गर्म होने पर 15 दिनों में एक बार सिंचाई और मौसम के ठण्ठा होने पर 20-30 दिनों में एक सिचाईं कर देनी चाहिये।
आम,अमरूद,अनार,नीबू और सन्तरे के पौधों में 20 दिन बाद एक सिचाईं करते रहैं।
केला,नाशपाती,सेब, आदि के पौधों में मौसम के अधुसार सिचाईं करें।
फलदार पौधों की देखरेख
Reviewed by homegardennet.com
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मई 15, 2019
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