अग्निहोत्र खेती {Homa farming}

 अग्निहोत्र खेती {Homa farming}



नमस्कार
            आज हम  आपके  लिये जो जानकारी लाये है । उसे पढ़कर आपको अपने भारतीय होने पर गर्ब महसूस होगा । आप सभी हमारे साथ गार्डनिंग ॥ बागवानी कर रहे है । आप सोचते होंगे कि किस प्रकार आप अपने गार्डन और अपने प्लांट को और बेहतर बना सके ?  क्या करे कि आपके फलदार या सब्जियों के पौधे बढ़िया  तरीके से बढ़ सके ? क्या बिना खाद के सब्जिया /फल  उगाये जा सकते है ?
                         जी हाँ दोस्तों यह संभव है । और यह आज से नही हजारो साल पहले हमारे पुर्वज ,हमारे ऋषि मुनियों करके  दिखाया है । आपने भारतीय ग्रंथो   कभी पढ़ा हो की हमारे ऋषि मुनियों के  आश्रमो में सदैव फलों से पौधे लदे रहते थे । वह कौनसी तकनीक थी ? दोस्तों वह तकनीक है ।
                      अग्निहोत्र खेती {Homa farming}

अग्निहोत्र {हवन }पौधों पर चमत्कारिक प्रभाव
वैदिक  समय से ही भारतीय मनीषी पेड पौधों पर शोध करते रहे है । यह एक बहुत ही आसान और प्रभावी तकनीक है । जो फल उत्पादन में तो आश्चर्यजनक परिणाम  सकती है । यह बहुत ही आसान और कारगर है 
शांतिकुंज हरिद्धार ,मध्यप्रदेश। महाऱाट्र में अग्निहोत्र फार्मिंग पर शोध कार्य चल रहे है । विदेशों में तो बहुत ज्यादा ही ध्यान दिया जा रहा है । क्वांटम तकनीक ,नैनो तकनीक और ऊर्जा संचरण का एक अदभुत मेल है 
इस पद्धति से उगाये गए पोधो का आकार ,रंग ,स्वाद  सब कुछ बेहतर हो जाता है । फसलो  बीमारिया काम होती है और धीरे धीरे होना ही बंद हो जाती है
  अग्निहोत्र गार्डनिंग कैसे ?
 क्या हम अपने घर के बगीचे में भी इसका फायदा उठा सकते है ?
जी दोस्तों यह पद्ति हम अपने घर के बगीचे मे भी अपना  सकते है  । २  समय लगता है ४ मंत्र बोलने है और ज्यादा से ज्यादा ५ रू का और खर्च आएगा । आपको एक छोटा सा हवन { अग्निहोत्र } करना है अपने गार्डन में और कुछ नही । 
अग्निहोत्र के लिये सामान 
१ -शुद्ध देशी गाय का घी { बहुत कम }
२ -अग्निहोत्र करने का पात्र { ताँबे का हो  अच्छा } पिरामिड आकर में 

३ -देशी गाय के गोबर के उपले 
४ -साबुत चावल 
५ -मिट्टी या कांच का पात्र { हवन  की राख एकत्रित रखने लिये }

यह सब होने के बाद आप अग्निहोत्र गार्डनिंग के लिये तैयार है । आपको यह छोटा सा हवन दो समय करना है 
सूर्योदय के  समय और सूर्यास्त के समय ,समय  का महत्व है तो समय का विशेष ध्यान रखें । आप अग्निहोत्र करने की शुरुआत शाम के समय से करे । यंहा सुबह और शाम दोनों समय के अग्निहोत्र में मंत्र अलग अलग है । 

  इन मंत्रो के साथ आप गाय के उपले से  अग्नि जलाकर चावल  और गाय के घी की दो दो आहुतियां दे । 
और अग्निहोत्र होने के बाद जो राख मिले उस राख  आप अपने गार्डन के पौधों में उपयोग में लाये । यह उपाय दिखने में बहुत ही  साधारण है लेकिन इसके परिणाम बहुत ही सार्थक आते है । 
अग्निहोत्र गार्डनिंग के  लाभ 
१ -इस पद्दति से फसल उत्पादन में कई गुना बढ़ोत्तरी होती है 
२ -खाद और कीटनाशक  खर्च बचता है 
३ -फलों ,सब्जियों का स्वाद बढ़ जाता है 
४ -सब्जियों की पोष्टिकता बढ़ जाती है । 
५ - फल ,सब्जियों में हानिकारक तत्व नहीं रहते 
६ -फल ,सब्जियों का रंग ,रूप ,आकार ,स्वाद सबकुछ बेहतर हो जाता है।  
 आप भी अग्निहोत्र गार्डनिंग का लाभ उठाये । आज भारत ही नही दुनिया के अन्य देशों भी अग्निहोत्र फार्मिंग की जा रही है । 

                   आप अग्निहोत्र क्रिया को विडियो के माध्यम से भी देख सकते है https://youtu.be/MCMMxraWO_o
                                  
अग्निहोत्र खेती {Homa farming}   अग्निहोत्र खेती {Homa farming} Reviewed by homegardennet.com on जनवरी 22, 2017 Rating: 5

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