नमस्कार
घर पर सब्जियां उगाना बहुत ही सरल है।अगर आप थोड़ी सी मेहनत करें तो घर पर खुद के उपयोग के लिये अच्छी खासी सब्जियां उगाई जा सकती है। सब्जियों के पौधों से ज्यादा मात्रा में सब्जियां लेने के दिये आजकल 3G कटिंग तकनीक प्रचलन में आयी है। 3g तकनीक की सहायता से हम सब्जियों एक पौधे से 10 से 30% ज्यादा सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं।आज हम आपको इस तकनीक की पूरी जानकारी देगें और आपको बतायेगें कि आप इस 3G Cutting विधि को किन सब्जियों के पौधों पर प्रयोग कर सकते हैं।
आज हम जानेगें
• 3G Cutting तकनीक क्या है ?
• 3G Cutting तकनीक का प्रयोग किन पौधों पर किया जा सकता है ?
• 3G Cutting तकनीक का प्रयोग कब करना ?
• 3G Cutting तकनीक क्यों काम नही करती ?
• 3G Cutting तकनीक का प्रयोग किन पौधों पर किया जा सकता है ?
• 3G Cutting तकनीक का प्रयोग कब करना ?
• 3G Cutting तकनीक क्यों काम नही करती ?
3G Cutting विधि -
यह कोई नई तकनीक नही है।हमारे किसान इस विधि का सदियों से प्रयोग करते चले आ रहे हैं। इस विधि का सीधा सिध्दात है कि किसी पौधे की ऊपरी शाखा को आगे से तोड़ दिया जाये जिससे उस जगह से जब नई शाखायें निकलेगी तो उनकी संख्या पहले से ज्यादा होगी।जैसे हम किसी पौधे की ऊपरी शाखा तोङ दे तो वहां से दो या तीन नई शाखायें निकलती हैं। पौधे पर जितनी अधिक शाखायें होगी उतना अधिक उत्पादन होगा। यह बेसिक नियम है। आज से पहले भी किसान अपने खेतों में पौधे को घना बनाने के लिये उसकी ऊपरी शाखायें तोड़ देते थे।
■ लौकी के पौधे पर ज्यादातर नर फूल आते हैं। लौकी के पौधै पर 14 पत्तियों के बाद एक मादा फूल आता है। अगर आप लौकी के पौधे पर 3G कटिंग कर देंगे तो मादा फूलों की संख्या बढ़ जाती है।इस प्रकार आप लौकी के पौधे पर ज्यादा से ज्यादा लौकी का उत्पादन ले पायेगें। आजकल इस विधि में और सुधार हुआ है।
■ लौकी की प्राइमरी शाखा पर 90% नर फूल आता है। उससे निकलने वाली दूसरी शाखा पर लगभग 50% नर फूल आता है लेकिन दूसरी शाखा से निकलने वाली शाखा पर लगभग 90% मादा फूल आता है। जब हम बार बार किसी पौधे की शाखा को तोङते है तो कुछ समय के लिये पौधे को अपनी growth करने के लिये ऐनर्जी इकठ्ठा करने को समय मिल जाता है। जिससे जब नयी शाखा पर फल आता है तो वह तेजी से बढ़ता है। 3G cutting विधि के बाद पौधे पर मादा फूल ज्यादा आते है।क्योकि पौधे की पहली शाखा काटने पर दूसरी शाखा निकलती है और फिर हम दूसरी शाखा काट देते है जिससे पौधे पर तीसरी पीड़ी की शाखा निकलती है। इससे पौधे की जैविक आयु बदल जाती है।और पौधा जल्दी जल्दी फल देने की कोशिश करता है।इसलिये वह केवल मादा फूल ही देता है।
■■ 3G Cutting विधि का किन पौधों पर प्रयोग करें?
सामान्यतः इस विधि का सबसे ज्यादा प्रयोग सब्जियों और फलदार पौधों पर किया जाता है। लौकी परिवार की सब्जियों में भी बेल ( vine) वाली सब्जियों पर इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलते है।
निम्न सब्जियां पर 3G cutting का प्रयोग होता है
लौकी ,कद्दू ,खीरा ,ककड़ी ,तरबूज,तोरई ,परवल,करेला ,
लौकी ,कद्दू ,खीरा ,ककड़ी ,तरबूज,तोरई ,परवल,करेला ,
3G cutting विधि का सर्वाधिक प्रयोग लौकी और खीरे की फसल पर किया जाता है।दोनों ही व्यवसायिक फसलें है।इसलिये इनसे अधिक उत्पादन लेने के लिये 3G cutting की जाती है। लौकी के एक पौधे से 100 से भी ज्यादा लौकी के फल 3G cutting विधि प्रयोग करने के बाद मिल जाते है।
पोलीहाउस में खीरे की फसल उगाई जाती है।खीरे की फसल में भी 3G cutting की जाती है इससे बहुत जल्दी खीरे का उत्पादन शुरू किया जा सकता है। खीरे या लौकी की फसल पर 3G cutting प्रयोग करने से पहले बेल को किसी रस्सी की सहायता से चढ़ा लेना चाहिये।
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अन्य फसलें
करेला ,तरबूज , तोरई के अलावा बैगन, भिन्डी आदि में भी 1G या 2G Cutting करके अधिक उत्पादन लिया जाता है। पारम्परिक रूप से उगाई फसल में जहां कम लाभ मिलता है वही 3G cutting विधि से उगाई गयी फसल में अधिक उत्पादन होने से अधिक लाभ मिलता है।
अन्य फसलें
करेला ,तरबूज , तोरई के अलावा बैगन, भिन्डी आदि में भी 1G या 2G Cutting करके अधिक उत्पादन लिया जाता है। पारम्परिक रूप से उगाई फसल में जहां कम लाभ मिलता है वही 3G cutting विधि से उगाई गयी फसल में अधिक उत्पादन होने से अधिक लाभ मिलता है।
3G Cutting करने के कुछ नियम
1- 3G cutting के लिये कम से कम 20 ,30 दिन पुराना परिपक्व पौधा होना चाहिये ।3G cutting करते समय पौधे पर कोई रोग आदि ना हो।
2- लौकी ,करेला आदि बेलदार पौधों पर 3G cutting तब करें जब लौकी आदि का पौधा कम से कम 60 सेन्टीमीटर से बड़ा हो जाये। ज्यादा छोटे पौधे पर इसे ना करें।
3- 3G cutting करने के बाद 3 से अधिक शाखायें ना चलने दें वर्ना आने वाले फल बहुत छोटे हो जायेगें।
4- 3G cutting किये पौधे में समय से खाद पानी देते रहें।महीने में दो बार जैविक खाद जरूर लगायें।
5- किसी भी फसल के अच्छे विकास के लिये धूप बहुत जरूरी है।तो पौधों को भरपूर धूप मिलनी चाहिये।
2- लौकी ,करेला आदि बेलदार पौधों पर 3G cutting तब करें जब लौकी आदि का पौधा कम से कम 60 सेन्टीमीटर से बड़ा हो जाये। ज्यादा छोटे पौधे पर इसे ना करें।
3- 3G cutting करने के बाद 3 से अधिक शाखायें ना चलने दें वर्ना आने वाले फल बहुत छोटे हो जायेगें।
4- 3G cutting किये पौधे में समय से खाद पानी देते रहें।महीने में दो बार जैविक खाद जरूर लगायें।
5- किसी भी फसल के अच्छे विकास के लिये धूप बहुत जरूरी है।तो पौधों को भरपूर धूप मिलनी चाहिये।
3G Cutting विधि क्यो काम नही करती ?
हम सभी चाहते है कि हम अपने खेतो पर या बगीचे में जो भी उपाय करें वह काम करें। लेकिन वह उपाय तभी काम करेगें जब उन उपायों को सही तरीके से नियमपूर्वक किया जाये। 3G cutting तकनीक में भी कुछ कारण होते जिनकी वजह से यह अपना सही काम नही करती चलिये जानने की कोशिश करते है कि 3G cutting विधि क्यो और कब काम नही करती ?
1- घटिया क्वालिटी के बीज होने पर यह विधि काम नही करती ।किसी भी फसल से अच्छे उत्पादन केलिये बीज सबसे महत्वपूर्ण घटक होता है।तो ज्यादा उत्पादन लेने के लिये हमेशा अच्छी क्वालिटी के बीज ही प्रयोग में लायें अगर बेकार बिज होगे तो 3G cutting विधि भी आपके लिये कुछ नही कर पायेगी।
2- 3G cutting में लोग Cutting तो करते जाते हैं लेकिन जो अन्य शाखायें निकलती हैं उन्है तोङते नही ।इससे यह होता है कि पौधे पर जब बहुत अधिक शाखायें हो जाती है तो फलों का आकार बहुत छोटा रह जाता है।तो ध्यान रखें 3G cutting प्रयोग करते समय ज्यादा शाखायें ना रखें।
3- 3G cutting विधि करने के बाद पौधे को ज्यादा मात्रा में संतुलित खाद की जरूरत होती है।इसलिये पौधों में समय से खाद,पानी देते रहें। खाद और पानी के साथ -साथ पौधों में बीमारियों से बचाव के लिये दवा का छिड़काव भी जरूरी है।
लौकी पर 3G cutting करने का तरीका
Reviewed by homegardennet.com
on
अप्रैल 24, 2019
Rating:
Achhi jankari diya sir...i am a big fan of you...💐💐
जवाब देंहटाएंGood information
जवाब देंहटाएंThank you