नमस्कार दोस्तों
आज हम आप लोगो को बताने वाले हैं कि आप अपने घर की छत पर केमिकल मुक्त और ताजा सब्जियां (vegetables) कैसे उगा सकते हैं। आपमें से कई लोग Gardening करने के शौकीन तो होंगे ही और आपने भी कभी ना कभी घर के बगीचे में सब्जियां तो उगाई ही होगी। शहरों में जहां लोगों पर जमीनी बगीचा नहीं है तो आप छत पर भी अच्छी सब्जियां उगा सकते है। तो आज हम आपको बताने वाले है कि घर की छत पर सब्जियां उगाने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है और आपको कौन-सी वस्तुओं की जरूरत पड़ेगी। कुल मिलाकर सब्जियां उगाने के लिए बुनियादी बातें बताने वाले हैं।
घर सब्जियां उगाने के लिए सबसे पहले हमें एक garden की जरूरत होगी अगर आप छत पर gardening करते है तो कोई परेशानी नहीं बस आपकी छत थोड़ी मजबूत भी होनी चाहिए और छत भी ऐसी जगह पर होनी चाहिए। जहां पर सुबह और शाम दोनों समय की 3_4 घंटे की धूप आनी चाहिए। गर्मियों में आप चाहे तो अपनी छत पर Green net लगा लें सब्जियां उगाने के सही रहेगा ।
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वैसे तो आप छत पर सब्जियां कंटेनर में उगा सकते हैं। परन्तु हमे ध्यान रखना है। की हम अपनी छत पर ज्यादा वजन नहीं करें। इसके लिए हम सब्जियों को प्लास्टिक के गमले आसानी से उगा सकते हैं। क्योंकि गमले का वजन कंटेनर की अपेक्षा काफी कम होता है। आप चाहे तो सब्जियां उगाने के लिए ग्रो बैग का प्रयोग कर सकते हैं। ग्रो बैग गमले की अपेक्षा बहुत ज्यादा हल्के होते है। ग्रो बैग देखने में सुन्दर लगते हैं। साथ ही साथ ग्रो बैग लम्बे समय तक खराब नहीं है। अगर ग्रो बैग एक ही स्थान पर प्रयोग किए जाए ( इधर - उधर ना ले जाया जाए) तो यह लंबे समय तक खराब नहीं होते आप काफी समय तक इनमें सब्जियां उगा पाएगें।
ग्रो बैग में सब्जियां उगाने की शुरुआत कैसे करें?
ग्रो बैग में सब्जियां उगाने के लिए के लिए आपके पास अच्छी क्वालिटी के के ग्रो बैग होने चाहिए। ग्रो बैग को आप अपने नजदीकी बाजार से आसानी से खरीद सकते हैं। या फिर आप इनको ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। ग्रो बैग खरीदते समय सैलर का रिव्यू अवश्य देखें। और मजबूत ग्रो बैग ही खरीदें। फिर आप उनमें लम्बे समय तक सब्जियां उगा सकते हैं।
ग्रो बैग में कौन सी सब्जियां उगाई जा सकती है ?
समान्यत ग्रो बैग में सभी सब्जियां उगाई जा सकती है। बस सब्जी के आकर के हिसाब से ग्रो बैग होने चाहिए।
बैंगन,मिर्च,टमाटर,बंद गोभी,पत्ता गोभी,करेला,मूली,lettuce, broccali,bok choy,,carrots,pumpkins जैसी सब्जियां आसानी से उगा सकते हैं।
ग्रो बैग या गमले का साइज
गमले या ग्रो बैग में अच्छी सब्जियां उगाने के लिए उनका सही साइज बहुत बड़ा फैक्टर होता है। टमाटर,मिर्च,बैंगन आदि बड़े पौधे वाली सब्जियों को ग्रो बैग या गमले में उगाने के लिए कम से कम 12-15 इंच का ग्रो बैग होना चाहिए। पालक,मैथी,धनिये जैसी सब्जियां उगाने के लिए 8 by 12 या 8 by 18 इंच के ग्रो बैग ( चौड़ाई ज्यादा हो ) सही रहते है।
सब्जियां उगाने के लिए आप जो ग्रो बैग या गमले का प्रयोग करेंगे उसमें पानी निकालने के लिए Dranage hole (छेद) सही संख्या में होने चाहिए।
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छत पर ग्रो बैग में सब्जियां उगाने की विधि
छत पर ग्रो बैग में सब्जियां उगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है। बस आपके पास अच्छी क्वालिटी के बीज हो और उन्हें सही समय पर लगाने से हमें खाने के लिए ढेरों सब्जियां मिलती रहेगी । हमारे सब्जियों के पौधे पर सब्जियां आते ही गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में उर्वरक देने चाहिए( क्योंकि फल फूल आने के समय पौधे को ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है।) सब्जियों के पौधों से अच्छी संख्या में सब्जियां लेने लिए पौधे को कम से कम 3-5 घंटे की धूप की आवश्यकता होती है।
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ग्रो बैग में सब्जियां उगाने के लिए मिट्टी
आप के छत के बगीचे पर लगे सब्जियों के पौधों पर अच्छी सब्जी आएंगी, उसके लिए सबसे पहले हमारे पास अच्छी किस्म की मिट्टी होनी चाहिए जिसमें जरूरत के हिसाब से सभी पोषक तत्व हो।
मिट्टी को ग्रो बैग में भरने से पहले 1-2 दिन धूप में सुखा लें। जिससे कि उसमें मौजूद कीड़े-मकोड़ और फफूंदी खत्म हो जाए।इसके बाद 50% मिट्टी और 50% गोबर खाद लें। मिट्टी और गोबर खाद को अच्छी तरह से मिक्स कर लें। फिर इस तैयार मिट्टी के मिश्रण को ग्रो बैग में भर दें। मिट्टी से ग्रो पूरा नही भरे उसे 2-3 इंच खाली छोड़ दें। जिससे कि पौधें में पानी आसानी से दिया जा सकें।
सब्जियों के लिए मिट्टी तैयार करते हुए उसमें नीम की सूखी पत्तियां या नीम खाली की कुछ मात्रा डाल दें। तो हमारे सब्जियों के पौधों में कीड़े नहीं लगेंगे। अगर पौधों की मिट्टी में केंचुए नजर आएं तो उन्हें मारे या फेंकें नहीं। ये पौधों के लिए बहुत अच्छे होते हैं।
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सब्जियां उगाने का सही समय
अगर आप छत सब्जियां उगाना चाहते हैं। तो आपको पता होना चाहिए। कि कौन सी सब्जी किस समय उगायी जाती है? सही समय पर लगाये गये सब्जियों के पौधो पर अधिक संख्या में सब्जियां आती हैं। और उन पर बीमारियों का प्रकोप नहीं होता या कम होता है।
इन महीनों में आप ये सब्जियां उगा सकते हैं।
फरवरी,मार्च,अप्रैल
लौकी,मूली,तोरई,भिण्डी,बैंगन,भिण्डी, प्याज,धनियां आदि को आप इन महीनों में उगा सकते हैं।
मई,जून,जुलाई
राजमा,कद्दू,केला,सेम,ग्वार फली,लौकी,बैंगन,टमाटर आदि
सितंबर,अक्टूबर,नवम्बर मैथी,पालक,लहसुन,शलजम,धनियां,सौंप,मूली,परवल,आलू,मटर, शिमला मिर्च आदि को उगा सकते हैं।
प्याज और लहसुन ग्रो बैग में कैसे उगाये ?
घर की छत पर ग्रो बैग में आप आसानी से प्याज और लहसुन लगा सकते हैं।अगर आप इन्हें जल्दी उगाना चाहते हैं। तो इसके लिए पहले लहसुन और प्याज को एक गिलास पानी में रख दें। इस बात का ध्यान रखें कि सिर्फ लहसुन और प्याज की नीचे के भाग पानी में डुबो। 5-7 दिनों में प्याज और लहसुन में जड़ निकल आएगी। इसके बाद इसे आप ग्रो बैग में लगा दें।
बैगन
आप छत पर ग्रो बैग में बैगन लगाना चाहते हैं तो बैगन का एक स्लाइस काटकर उन्हे लगा दें या फिर बाजार से भी बैगन के बीज मिल जायेगें आपके नजदीकी बाजार में बीज - कीटनाशक दवा की दुकान पर पर कोशिश करें कि वहां से अच्छी किस्म के बीज लेकर उगाएं।
बैंगन के पौधे पर आने वाले रोग
बैंगन के पौधे पर ज्यादातर तनाछेदक और मिलीबग नामक रोग का ज्यादा प्रकोप होता है।तनाछेदक में इल्ली पौधे की शाखा में घुसकर अंदर ही अंदर पौधे की शाखा को काट देती है। बैंगन के पौधे जब छोटे हो उसी समय पौधों पर दवाओं का छिड़काव करना चाहिए जिससे बैंगन पर बीमारी का प्रकोप हो ही न पाए
रोकथाम
बैंगन पर आने वाले सभी रोगों की रोकथाम के लिए आप अपने घर पर ही घरेलू organic कीटनाशक बना सकते है । organic कीटनाशक का लगातार प्रयोग करने पर पौधों में बीमारी आना ही बंद हो जाती है।जब आपके पौधों पर बीमारी का प्रकोप हो तब तुरंत ही दवा का छिड़काव करें। कुछ समय बाद बैंगन के पौधे सही होने लगेंगे।
घर पर कीटनाशक कैसे बनाये
घर पर ऑर्गेनिक कीटनाशक बनाने के लिए 1 लीटर गाय का गौमूत्र होना चाहिए।100 ग्राम नीम की पत्तियां,100 ग्राम कनेर की पत्तियां,100 थतूरे की पत्तियो उपरोक्त सभी पौधों की पत्तियों को किसी प्लास्टिक या मिट्टी के बर्तन में डालकर उसमें 1लीटर गौमूत्र और चार लीटर पानी डाल कर 10-15 दिन के लिए छोड़ दे। बीच बीच में इस मिश्रण को किसी लकड़ी की सहायता से हिलात रहें । 15 दिन बाद यह कीटनाशक बनकर तैयार हो जाता है। उसके बाद आप 1लीटर पानी में 300 ml यह दवा डालकर अपने बैगन के पौधे या अन्य सब्जियों पर इसका छिड़काव कर सकतें हैं।
टमाटर
घर के बगीचे में टमाटर जरूर उगाना चाहिए। टमाटर सब्जी सलाद और चटनी आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है। टमाटर उगाना बहुत ही आसान है। टमाटर को लगाने के लिए पहले इसके बीजों से छोटे छोटे पौधे ( seedling) तैयार करनी होती है। आप बाजार या ऑनलाइन मार्केट से टमाटर के अच्छे बीज मगांकर पहले small seedling तैयार करें। आप चाहे तो घर में मौजूद टमाटर के बीजों से भी टमाटर के छोटे पौधे उगा सकते हैं। इसके लिए एक स्लाइस टमाटर को काटकर 2 इंच मिट्टी खोदकर लगा दें। फिर ऊपर से थोड़ा पानी डाल दें। रोजाना इसमें थोड़ा पानी डालते रहें। थोड़े दिन में ही टमाटर के छोटे छोटे पौधे उग आएंगे।जब आपके टमाटर के पौधे 15-25 दिन के या 4-5 पत्तियों के हो जाए तब आप इन्हे किसी दूसरी जगह या गमले में लगा सकते है।
टमाटर उगाने का समय -
गर्मी के सीजन - 15 फरवरी से 10 मार्च
बरसात और सर्दी के सीजन - 20 जून से 20 जुलाई
टमाटर के छोटे पौधे लगाने का समय
गर्मी में - मार्च के महीने में ( 25_35° तापमान)
सर्दी के लिए - जुलाई - अगस्त ( 25-40° तापमान )
टमाटर पर आने वाले रोग
टमाटर पर अनेंक बीमारियों का प्रकोप होता है। टमाटर का ताजा फल खाने में स्वादिष्ट और काफी कोमल होता है। इसी कारण टमाटर के पौधे पर फल छेदक बीमारी का प्रकोप होता है।
रोकथाम
टमाटर पर फल छेदक रोग की रोकथाम के लिए भी organic कीटनाशक का ही प्रयोग करें। अगर कैमिकल कीटनाशक का प्रयोग कर रहे हैं। तो बहुत कम मात्रा में छिड़काव करें।
शिमला मिर्च
शिमला मिर्च उगाने के लिए आपके पास उसके बीज होने चाहिए। शिमला मिर्च के बीज जून जुलाई में लगाकर सीडलिंग तैयार की जाती है। उत्तर भारत अक्टूबर से फरवरी तक शिमला मिर्च आसानी से उगाई जा सकती है। आजकल कलर फुल शिमला मिर्च ( लाल,पीली) भी उगाई जाती है।
शिमला मिर्च पर आने वाले रोग
शिमला मिर्च के पौधे पर ज्यादातर मरोडिया नामक रोग का ज्यादा प्रकोप होता है। इस रोग में पौधे की पत्तियां सिकुडना शुरू हो जाती हैं। पत्तियां खराब होने से पौधे की ग्रोथ रुक जाती है और फिर पौधे पर मिर्च नहीं आती या बहुत छोटी छोटी मिर्च आती है।
रोकथाम
शिमला मिर्च या साधारण मिर्च से मुरोड़ीय रोग की रोकथाम के लिए समय समय पर fungicide दवा का छिड़काव करते रहें। आप घर पर भी fungicide बना सकते है।यह घरेलू दवा सभी तरह के सब्जियों पर काम करती है।
मूली
मूली एक ऐसी सब्जी से जिसे बहुत आसानी से उगाया जा सकता है। मूली को आप अपनी छत पर ग्रो बैग या किसी सामान्य गमले में आसानी से उगा सकते हैं। मूली का सही उत्पादन लेने के लिए इसे आप बड़े साइज के ग्रो बैग में उगाएं ( 9by15 ya 9by18)l
मूली लगने वाले रोग
मूली पर पत्तियां खाने वाले कीड़ों का प्रकोप ज्यादा हॉट है। कभी कभी कुछ हरे सफेद रंग के छोटे-छोटे कीड़े होते है यह मूली कि पत्तियों का रस चूसते हैं। इस कीड़े के कारण मूली कि पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। तथा फसल का उत्पादन काफी घट जाता है। इसके प्रकोप से मूली पत्तियां खाने योग्य नहीं रह जाती है।
रोकथाम
इस कीट की रोकथाम के लिए मूली पर सुबह शाम लकड़ी की राख ( wood ass) छिड़काव कर सकते है। या नीम की पत्ती और गोमूत्र से तैयार organic कीटनाशक का छिड़काव कर इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं।
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